दिल्ली हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस (CJI) को एक अहम रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें न्यायपालिका से जुड़े एक बड़े भ्रष्टाचार मामले का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के एक पूर्व जज जस्टिस वर्मा के आवास से 15 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए हैं। यह छापेमारी हाल ही में एक विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की गई थी, जो न्यायपालिका में भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच कर रहा था। जांच एजेंसियों को यह सूचना मिली थी कि जस्टिस वर्मा के कुछ फैसले संदिग्ध रहे हैं और उन्होंने कथित रूप से बड़े कारोबारी घरानों और प्रभावशाली लोगों से रिश्वत ली थी।
सूत्रों के मुताबिक, जस्टिस वर्मा के आवास पर छापेमारी के दौरान अलमारियों, बिस्तरों और दीवारों में छिपाकर रखे गए करोड़ों रुपये बरामद किए गए। इसके अलावा, कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जो कथित रूप से वित्तीय लेन-देन और कई प्रभावशाली लोगों से जुड़ाव को दर्शाते हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी विस्तृत रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेज दी है, ताकि आगे की कार्रवाई पर फैसला लिया जा सके।
इस मामले के सामने आने के बाद न्यायपालिका की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी दलों और कानूनी विशेषज्ञों ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। हालांकि, अभी तक जस्टिस वर्मा की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। सुप्रीम कोर्ट और जांच एजेंसियां अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं और जल्द ही इस पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

















