खुटार । गांव महोलिया वीरान की गोशाला में चार दिन में 20 से अधिक पशुओं की मौत हो गई। उनके शव खुली खाई में डाले जाने से राष्ट्रीय गोरक्षक संघ के पदाधिकारी भड़क गए। उन्होंने गोशाला में जमकर हंगामा किया।इसकी सूचना मिलने पर शुक्रवार रात 10 बजे एसडीएम, सीओ और तहसीलदार खुटार, बंडा व पुवायां थाने की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने जेसीबी से खाई में मिट्टी डलवाकर शव ढकवा दिए।
गांव टाह खुर्दकलां में सिमरा वीरान के नाम से राजकीय गोसदन है। कुछ वर्ष पूर्व गोसदन की भूमि पर गोकुलग्राम की स्वीकृति मिली थी। भवन आदि भी बन गया, लेकिन अभी गोकुलग्राम से संबंधित गतिविधियां शुरू नहीं हो सकी हैं। इसी भवन में गांव सभा महोलिया वीरान की गोशाला चल रही है। गोशाला में लगभग एक हजार गोवंशीय पशु हैं। इनकी देखभाल में 26 ग्वाले लगे हैं।
राष्ट्रीय गोरक्षक संघ के तहसील अध्यक्ष सजल ने बताया कि शुक्रवार शाम उन्हें सूचना मिली कि गोशाला में चार दिन के भीतर 20 से ज्यादा पशु मर गए हैं। उनके शव खुली खाई में डाल दिए हैं। वह कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे तो खाई में 30-35 पशुओं के शव पड़े थे। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए अधिकारियों से शिकायत की तो प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी, बीडीओ आदि मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बिना किसी जांच के पशुओं के शव मिट्टी से ढकने के लिए जेसीबी बुला ली।
इससे गोरक्षक भड़क गए। उन्होंने इसका विरोध करते हुए जांच करने की मांग को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। रात करीब 10 बजे एसडीएम, सीओ सहित तमाम अधिकारी पुलिस फोर्स लेकर मौके पर पहुंच गए और जांच किए बिना ही पशुओं के शवों को जबरन जेसीबी से मिट्टी डलवाकर ढकवा दिया। रात साढ़े 11 बजे तक संघ के कार्यकर्ता मौके पर मौजूद थे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। वह कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं। एसडीएम, सीओ, तहसीलदार लौट गए हैं। पुलिस बल भी मौके पर मौजूद है।
पशुओं की मौत को छुपाने का प्रशासन पर लगाया आरोप
– गोशाला में पशुओं की मौत के बाद हंगामे की जानकारी पर ब्लॉक से लेकर तहसीलस्तरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने पहुंचने के बाद सबसे पहले खुली खाई में पड़े मवेशियों के शवों के ऊपर जेसीबी से मिट्टी डलवाकर मामले को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन गोरक्षक संघ के पदाधिकारियों का विरोध खत्म नहीं हुआ। पदाधिकारी मामले की जांच करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। एसडीएम संजय पांडे ने उन्हें जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन वे शांत नहीं हुए। एसडीएम-सीओ के आने से पहले कार्यकर्ता जेसीबी से मवेशियों के ऊपर मिट्टी नहीं डालने दे रहे थे, लेकिन ब्लॉक के अधिकारी मिट्टी डलवाकर मामले को समाप्त करना चाहते थे। एसडीएम के पहुंचने पर जेसीबी भिजवाई गई और आधे घंटे में जेसीबी ने मिट्टी से मवेशियों को ढक दिया।दरोगा ने खराब किया माहौल
खुटार थाने के दरोगा मनोज कुमार सिंह ने संघ के पदाधिकारियों से ने सिर्फ अभद्रता की, बल्कि मीडियाकर्मियों के काम में भी हस्तक्षेप करने का प्रयास किया। इससे संघ के कार्यकर्ता और भड़क गए। दरोगा फिर भी कार्यकर्ताओं से अभद्रता करता रहा। पदाधिकारियों ने मामले की शिकायत अधिकारियों से की है।
गोवंश की मौत और शव खाई में पड़े होने की शिकायत मिली थी। सीओ, बीडीओ के साथ मैं खुद मौके पर पहुंचा। प्रकरण की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।