इजराइल के खिलाफ आए 55 मुस्लिम देश, मगर कतर के साथ 2 पड़ोसी ने किया खेल

कतर की राजधानी दोहा में सोमवार को बुलाए गए अरब लीग और ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (OIC) के संयुक्त आपातकालीन सम्मेलन में 55 मुस्लिम देशों के नेता एकजुट होकर इजराइल की हालिया कार्रवाई की कड़ी निंदा करते नजर आए.बैठक में पाकिस्तान, तुर्की, अजरबैजान और सऊदी अरब जैसे बड़े खिलाड़ी शामिल हुए. सभी ने मिलकर इजराइल पर हमले का आरोप लगाया और कतर के साथ एकजुटता जताई. लेकिन इस ऐतिहासिक बैठक में कतर के दो अहम पड़ोसी देशों-यूएई और बहरीन की ठंडी प्रतिक्रिया ने सबको चौंका दिया.

इजराइली हमले से भड़का गुस्सा

पिछले हफ्ते इजराइल ने कतर की राजधानी दोहा में करीब 10 हवाई हमला किए थे. निशाना बनाए गए थे हमास के वरिष्ठ नेता, जो कथित तौर पर गाजा युद्धविराम प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे. इस हमले में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई. इसे लेकर अरब और मुस्लिम देशों में नाराजगी उभर आई. सम्मेलन में नेताओं ने इसे अभूतपूर्व आक्रामकता करार दिया और कहा कि कतर पर हमला पूरे मुस्लिम जगत को चुनौती देने जैसा है.

55 देश एकजुट, लेकिन दो की चुप्पी

बैठक में शामिल 55 मुस्लिम देशों ने इजराइल को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे हमलों से न सिर्फ क्षेत्रीय शांति खतरे में पड़ेगी, बल्कि हालात और भड़क सकते हैं. पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब और मलेशिया जैसे देशों ने मंच से खुलकर कतर का समर्थन किया. लेकिन, यूएई और बहरीन ने अपने सर्वोच्च नेताओं को भेजने की बजाय सिर्फ मामूली प्रतिनिधि भेजे. पड़ोसी होने के बावजूद उनकी यह दूरी कतर के लिए एक बड़ा झटका मानी जा रही है.

मगर ऐसा क्यों?

दरअसल, इजराइल के साथ अब्राहम समझौते के बाद से दोनों देशों के रिश्ते खुले तौर पर सामान्य हो चुके हैं. ऐसे में वे इजराइल के खिलाफ खुलकर खड़े होने से बचते दिख रहे हैं. कतर लंबे समय से खुद को क्षेत्रीय राजनीति में मुस्लिम दुनिया का मज़बूत चेहरा बताने की कोशिश करता आया है. लेकिन अपने ही पड़ोसियों का आधा-अधूरा समर्थन उसकी छवि को धक्का पहुंचा सकता है.

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