नेपाल-तिब्बत सीमा पर मंगलवार सुबह रिक्टर पैमाने पर 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके नेपाल, चीन, भारत, भूटान और बांग्लादेश में महसूस किए गए। भूकंप से हुई तबाही की पहली रिपोर्ट चीन से आई है।चीन में 36 लोगों की मौत हुई है। स्थानीय लोगों ने मलबे, घरों के ढहने और अफरा-तफरी के वीडियो शेयर किए हैं।नेपाल-तिब्बत भूकंप के बड़े अपडेट्सरॉयटर्स के अनुसार भूकंप के चलते तिब्बती क्षेत्र में कम से कमनन 36 लोग मारे गए है। चीन की शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने 32 लोगों की मौत की रिपोर्ट दी है। 38 लोग घायल हुए हैं।
तिब्बत का सबसे पवित्र शहर
2020 के आंकड़ों के अनुसार डिंगरी में लगभग 60,000 लोग रहते हैं. चीन मौसम विज्ञान प्रशासन के अनुसार, डिंगरी में तापमान शून्य से 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास है और आज शाम को शून्य से 18 डिग्री नीचे तक गिर जाएगा. चीन के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में अक्सर भूकंप के झटके आते रहते हैं. 2008 में सिचुआन प्रांत में आए भीषण भूकंप में लगभग 70,000 लोग मारे गए थे. ‘सीसीटीवी’ के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में शिगाजे में तीन या उससे अधिक तीव्रता वाले 29 भूकंप आए हैं.शिगाजे तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है. यहां पंचेन लामा की सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक है, जिसका आध्यात्मिक अधिकार दलाई लामा के बाद दूसरे स्थान पर है.
नेपाल के किन शहरों में भूकंप?
नेपाल के जिन शहरों में भूकंप के झटके महसूस किए गए वो काठमांडू, काभ्रेपलान्चोक, सिंधुपालंचोक, धाडिंग और सोलुखुंबु हैं. भूकंप के झटके आने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. लोगों ने कुछ समय तक सड़कों के किनारे लगे पेड़ों और बिजली के तारों को हिलते हुए देखा.यूएसजीएस रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सात बजे के आसपास एक घंटे के भीतर कम से कम छह बार चार से पांच तीव्रता वाले भूकंप के झटके दर्ज किए गए.यह भूकंप इतना शक्तिशाली था कि नेपाल के लोग घबरा गए. इसने 2015 में आए भीषण भूकंप की याद ताजा कर दी, जिसमें 9,000 लोग मारे गए थे.हालांकि, नेपाल पुलिस के प्रवक्ता का कहना है कि अब तक उन्हें किसी बड़े नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है. नेपाल पुलिस के प्रवक्ता बिश्वो अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र तिब्बत में होने के कारण उत्तरी नेपाल में रहने वाले लोगों ने अधिक तीव्र झटके महसूस किए.