2024-25 के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ (जेएनयूएसयू) चुनाव में वामपंथी गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चार में से तीन शीर्ष पदों पर कब्जा जमाया। इस चुनाव में वामपंथी छात्र संगठनों का दबदबा बरकरार रहा, जहां अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव पद पर उनकी जीत हुई। वामपंथी गठबंधन की यह जीत उनके संगठनात्मक ताकत और छात्रों के बीच बढ़ते प्रभाव का प्रतीक मानी जा रही है।
वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने भी अपने प्रदर्शन में सुधार दिखाया और महत्वपूर्ण संख्या में वोट हासिल किए, हालांकि वह केवल एक पद पर ही विजय प्राप्त कर सके। इस चुनाव परिणाम ने विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति की दिशा को स्पष्ट किया, जहां वामपंथी और एबीवीपी के बीच सघर्ष अभी भी जारी है।
सभी दलों ने अपने-अपने प्रचार में छात्रों के मुद्दों को प्रमुखता दी, जैसे शिक्षा, रोजगार और कैंपस सुविधाओं को लेकर घोषणाएं की गई। इस चुनावी नतीजे ने जेएनयू की राजनीतिक स्थिति को और भी गहरा कर दिया है, और अब अगले कुछ वर्षों तक छात्र राजनीति में यह मुकाबला दिलचस्प रहेगा।