मुजफ्फरनगर का नाम एक बार फिर समाज सेवा और इंसानियत की मिसाल बनकर पूरे देश में गूंज उठा है। राधे-राधे ट्रस्ट ने आज एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ भी याद रखेंगी। ट्रस्ट ने संकल्प लिया है कि वह 700 से भी अधिक गाँवों तक राहत सामग्री पहुँचाएगा। यह पहल सिर्फ जरूरतमंदों तक मदद पहुँचाने की कोशिश नहीं है, बल्कि इंसानियत और सामाजिक जिम्मेदारी का सबसे बड़ा संदेश भी है।मुजफ्फरनगर से जो राहत काफिला रवाना हुआ है, उसमें गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए भोजन, दवाइयाँ, कपड़े और अन्य जरूरी सामान भरा गया है। इन सामग्रियों का वितरण उन घरों तक किया जाएगा जहाँ लोगों को सबसे ज्यादा सहायता की आवश्यकता है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने साफ कहा कि उनका उद्देश्य समाज की बेहतरी है। उनका मानना है कि “सेवा ही धर्म है और समाज की खुशहाली ही हमारा लक्ष्य।” यही भावना इस राहत काफिले की आत्मा है।राहत काफिले की इस पहल को स्थानीय लोगों से लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों तक ने एक ऐतिहासिक सौगात करार दिया है। सभी का कहना है कि इस प्रकार की पहल समाज में भाईचारे और सहयोग की भावना को और मजबूत करती है। खासकर उन क्षेत्रों में, जहाँ प्राकृतिक आपदाओं या अन्य कारणों से लोग मुश्किलों का सामना कर रहे हैं, वहाँ इस तरह की मदद जीवन में नई उम्मीद जगाती है।मुजफ्फरनगर से शुरू हुआ यह काफिला आने वाले दिनों में पंजाब और हिमाचल प्रदेश के सैकड़ों गाँवों तक पहुँचेगा। इन इलाकों में हाल के दिनों में कई लोग कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में यह राहत सामग्री उनके लिए न सिर्फ सहारा बनेगी, बल्कि यह भी दिखाएगी कि इंसानियत की कोई सीमा नहीं होती। जब समाज के लोग मिलकर दूसरों के दुख-दर्द को बाँटते हैं, तो समस्याएँ छोटी हो जाती हैं और उम्मीद की नई किरण जन्म लेती है।राधे-राधे ट्रस्ट की यह पहल समाज में यह संदेश भी देती है कि जब-जब इंसान एक-दूसरे के काम आता है, तब-तब न सिर्फ लोगों की तकलीफ़ें कम होती हैं, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता भी मजबूत होती है। यह काफिला सिर्फ सामान लेकर नहीं चला है, बल्कि यह अपने साथ इंसानियत, करुणा और सहयोग का सबसे बड़ा संदेश भी ले गया है।मुजफ्फरनगर के लिए गर्व का विषय है। यहाँ से रवाना हुआ यह राहत काफिला आने वाले दिनों में उन सैकड़ों परिवारों के जीवन में खुशी और राहत लेकर जाएगा, जो मदद का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। समाज सेवा का यह कदम न सिर्फ उत्तर भारत बल्कि पूरे देश में प्रेरणा का स्रोत बनेगा।
