कुत्ते ने काटा; 18 घंटे बाद ही करने लगा अजीब हरकतें

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से एक हैरान करने वाला मामला आया है, जहां एक युवक को कुत्ते  ने काट लिया था, जिसके बाद युवक ने घर आकर घाव को धो दिया, लेकिन फिर उसकी अचानक से हालत बिगड़ गई. कुत्ते के काटने के महज 18 घंटे बाद युवक अजीब हरकत करने लगा. युवक की हरकत से उसके परिजन और गांव वाले दहशत में आ गए.दरअसल, अलीगढ़ के खैर तहसील अंतर्गत उटवारा गांव में 23 साल के रामकुमार उर्फ रामू को एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. शुरुआत में चोट सामान्य लगी, लेकिन महज 18 घंटे बाद युवक की हालत इतनी बिगड़ गई कि वह कुत्ते जैसी हरकतें करने लगा. यह मामला रेबीज संक्रमण की गंभीरता को उजागर करता है, जिससे गांव में दहशत फैल गई है. रामू गली में टहल रहा था. तभी एक आवारा कुत्ते ने उसके पैर पर काट लिया था. घाव हल्का था, इसलिए रामू ने घर जाकर उसे साबुन से धो लिया और प्राथमिक उपचार किया.

‘अचानक करने लगा कुत्ते जैसी हरकत’

रामू ने परिजन से कहा कि अगले दिन खैर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवा लेंगे. फिर उसकी रात तो नॉर्मल कटी और कोई असामान्य लक्षण नहीं दिखे. अगले दिन सुबह रामू नहाया, खाना खाया और सीएचसी जाने की तैयारी कर रहा था. दोपहर करीब 2 बजे अचानक उसकी हालत बिगड़ने लगी. वह चीखने-चिल्लाने लगा, जीभ बाहर निकालकर कुत्ते जैसी आवाजें निकालने लगा. खुद को काटने की कोशिश करने लगा और परिजन की ओर दौड़कर काटने की कोशिश करने लगा. परिजन घबरा गए और उसे चारपाई पर रस्सी से बांध दिया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.

इसके बाद परिजन आनन-फानन में रामू को खैर सीएचसी ले गए. वहां चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रोहित भाटी ने प्राथमिक जांच की स्थिति को गंभीर बताते हुए उसे दिल्ली के महर्षि वाल्मीकि संक्रामक रोग अस्पताल रेफर कर दिया. हालांकि, रास्ते में परिजन पहले खुर्जा मेडिकल सेंटर ले गए, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद रामू की हालत में कुछ सुधार हुआ. देर रात तक वह घर लौट आए.

अभी भी गांव में घूम रहा वह कुत्ता

अब रामू की हालत स्थिर है, लेकिन पूरे इलाजे के लिए दिल्ली ले जाने की तैयारी की जा रही है. जिस कुत्ते ने रामू को काटा, वह अभी भी गांव में घूम रहा है, जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ है. गांव वाले प्रशासन से आवारा कुत्तों को पकड़ने और वैक्सीनेशन अभियान चलाने की मांग कर रहे हैं. रामू के पिता विजय पाल सिंह ने बताया कि भोजन करने तक मेरा बेटा पूरी तरह ठीक था. अचानक ही उसकी हरकतें बदल गईं. हम घबरा गए और उसे बांधकर अस्पताल ले गए.

उन्होंने बताया कि रामू मजदूरी करता है और परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है. वह कुत्ता अभी भी जिंदा है और गांव में घूम रहा है. रामू की हालत देखकर सब डर गए हैं. उन्होंने प्रशासन से मांग है कि आवारा कुत्तों को पकड़वाया जाए, वरना और हादसे हो सकते हैं. डॉक्टर ने बताया कि युवक की स्थिति रेबीज के शुरुआती लक्षणों जैसी लग रही थी. आमतौर पर रेबीज के लक्षण 10-14 दिनों बाद दिखते हैं, लेकिन अगर काटने वाला जानवर पहले से संक्रमित या पागल अवस्था में हो तो प्रभाव 24 घंटे के अंदर भी ये लक्ष्ण दिखने लगते हैं.

24 घंटे के अंदर इंजेक्शन लगवाने की सलाह

डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार दिया और दिल्ली रेफर किया साथ ही अपील भी की है कि कुत्ता, बिल्ली या बंदर के काटने पर तुरंत घाव साबुन-पानी से धोएं और 24 घंटे के अंदर एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाएं. खैर सीएचसी पर यह इंजेक्शन मुफ्त और 24 घंटे 7 दिन मौजूद है. रोजाना 30-40 मरीज ऐसे आते हैं. ऐसे मामलों में देरी घातक साबित हो सकती है.

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