नई दिल्ली. अजय देवगन कई फिल्मों में पुलिस की वर्दी पहनकर गुंडों-बदमाशों की पिटाई करते हुए नजर आ चुके हैं, लेकिन एक बार वह खुद अरेस्ट हो गए थे. ये खुलासा विंदू दारा सिंह ने सालों बाद किया है. उन्होंने बताया कि जब वह अजय देवगन के साथ कॉलेज में पढ़ते थे तब ये घटना हुई थी. दरअसल, होली के दिन अजय देवगन की जीप में कुछ ऐसी चीजें मिली थीं, जिन्हें देखने के बाद पुलिस वाले उन्हें और उनके दोस्तों को अपने साथ पुलिस स्टेशन लेकर चले गए थे. सिद्धार्थ कन्नन के साथ इंटरव्यू के दौरान विंदू दारा सिंह ने बताया, ‘अजय देवगन मेरे बचपन के दोस्त हैं. होली की पार्टी थी. अजय देवगन जीप चला रहे थे. हम सब उनके साथ घूम रहे थे. हमने कहा कि चलो बांद्रा चलते हैं. इसके बाद कार्टर रोड पर बीयर पीने मूड बन गया. हम चार-पांच लड़के जीप से उतरे और वाइन शॉप के अंदर चले गए. वहां पर हमने बीयर खरीदी. तभी वहां पर पुलिस वाले पहुंच गए और ढूंढने लगे कि जीप में कौन आया है. उन्होंने पूछा ये किसकी जीप है? हमने कहा हमारी है.’गुंडा-बदमाश समझकर पुलिस ने कर लिया था अरेस्ट
विंदू दारा सिंह ने बताया कि पुलिस ने उन लोगों को गुंडा-बदमाश समझकर अरेस्ट कर लिया था. उन्होंने बताया, ‘वो बोले कि चलो साथ में. हमने पूछा कि क्या हुआ? जीप में नकली हॉकी स्टिक्स और तलवारें रखी हुई थीं, जो फिल्मों की शूटिंग के दौरान इस्तेमाल होती थीं. वो सारा सामान अजय देवगन के पिता वीरू देवगन का था. पुलिस वालों को लगा कि हम लोग गुंडे हैं. हम लोगों को वो स्टेशन लेकर चले गए.’
पुलिस के चंगुल से ऐसे छूटे थे एक्टर और उनके दोस्त
एक्टर ने आगे बताया, ‘किसी ने पुलिस से कहा कि सर ये फाइट मास्टर वीरू देवगन का बेटा है और ये दारा सिंह का बेटा है, तब उन्हें हम पर यकीन नहीं हुआ. उस वक्त मेरे पिता और रंधावा अंकल रेसलिंग नहीं करते थे, लेकिन रंधावा अंकल के बेटे रेसलिंग करते थे. एक पुलिस वाले ने पूछा कि क्या तुम लोग रंधावा के बेटे को जानते हो? हमने कहा कि हां जानते हैं. पुलिस ने कहा कि उन्हें फोन लगाकर बुलाओ. हमने उन्हें कॉल किया तो वो पुलिस स्टेशन आकर हम लोगों को छुड़वाए थे. तब पुलिस वालों को पता चला कि हम सच बोल रहे थे.

















