AI की वजह से जाएंगी करीब 2 लाख नौकरियां, इन बैंकों में हो सकती है छंटनी

ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस की ओर से हाल में कहा गया कि आने वाले 3 से 5 सालों के बीच करीब 2 लाख लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ सकती है. ग्लोबल बैंकों द्वारा भारी संख्या में लोगों को नौकरी से निकाला जा सकता है. ब्लूमबर्ग के अनुसार इसके पीछे का मुख्य कारण एआई को बताया जा रहा है. क्योंकि एआई के जरिए बैंकों में लोगों द्वारा किए जा रहे काम को आसानी से करवा लिया जा रहा हैब्लूमबर्ग की ओर से कहा गया कि वैश्विक बैंक अगले तीन से पांच वर्षों में एआई के कारण 200,000 नौकरियों में कटौती कर सकते हैं. बैंक के सारे काम एआई उपकरणों की मदद से किए जा रहे हैं और इनमें लागत भी कम आ रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक उसके अफसरों ने एक सर्वे किया, जिसमें यह पाया गया कि आने वाले 5 सालों के भीतर करीब 3 फीसदी वर्कफोर्स की कटौती की जा सकती है.

रिपीटीशन वाले कामों में रिस्क

बीआई की ओर से टॉमस नोएल्जेल ने इस रिपोर्ट पर कहा कि बैंकों में जो काम रिपीटीशन वाले हैं, जिनको दिन में काफी बार किया जाता है. उन कामों को एआई आसानी से कर सकेगा. हालांकि, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एआई के आने से पूरी तरह से नौकरियां नहीं खत्म होंगी. बल्कि कटौती हो सकती है. सर्वे में जिन लोगों ने सैंपल को तौर पर इस बारे में जवाब मांगा गया था. उनमें 93 उत्तर देने वालों में एक चौथाई से ज्यादा लोगों का यह मानना है कि आने वाले समय में बैंकिंग कर्मचारियों की संख्या में 5 फीसदी से लेकर 10 फीसदी तक की कमी हो सकती है.

एआई से बढ़ा है प्रोडक्शन

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2027 में बैंकों के प्रीटैक्स प्रॉफिट में 12 से 17 फीसदी की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इसके अलावा एआई की वजह से बैंकों के कंबाइंड बॉटम लाइन में 180 अरब डॉलर की वृद्धि हो सकती है.बैंकिंग इंडस्ट्री में 54% नौकरियों का ऑटोमेशन होने की संभावना है. रिपोर्ट में कहा गया कि जेपी मॉर्गन भी अब एआई को स्वीकार करने की दिशा में है, इससे आगे आने वाले समय में उत्पादकता बढ़ेगी और क्योंकि कम लागत में बैंकों को ज्यादा मुनाफा होगा. इसलिए वर्कफोर्स में कमी हो सकती है.

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