उत्तरप्रदेश आगरा ।जलपुरुष राजेंद्र सिंह का कहना है कि यदि पानी पर सही तरीके से काम नहीं हुआ तो विश्व युद्ध को कोई रोक नहीं सकता. उन्होंने कहा कि दुनियाभर के 62 फीसदी इलाके पानी की समस्या से जूझ रहे हैं.एक दर्जन से ज्यादा देशों में पानी की कमी के कारण ही युद्ध हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि चंबल एक बड़ा उदाहरण है. यहां सबने मिलकर साथ दिया तो अब यहां डकैतों की बंदूकों से गोलियां नहीं चलती हैं, बल्कि पानी की नदियां बहती हैं. आज वहां खेती हो रही है. फसलें लहलहा रहीं हैं.
राजेंद्र सिंह आगरा में थे. उनके साथ विश्व बैंक समूह के पूर्व निदेशक भी आए हैं. को वह धौलपुर जाएंगे. वहां पर इन लोगों को पानी के लिए काम होने के बाद लहलहाती खेती को दिखाएंगे. साथ ही पानी के लिए काम करने वाले लोगों को सम्मानित भी करेंगी. जलपुरुष सिंह ने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि चंबल के करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर का इलाका ऐसा था जहां बंदूकों से गोलियां निकलती थीं, लेकिन अब वहां ऐसा नहीं होता है. पानी की नदियां बह रहीं हैं. लोग खुश हैं. उनके परिवार भी खुश हैं. उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 24 को जल शांति वर्ष घोषित किया है, लेकिन दुनिया में इस पर काम नहीं हो रहा है.जलपुरुष ने कहा कि जैन तीर्थ महावीर जी करौली राजस्थान में पूर्व दस्यु जल सुरक्षा एवं विश्व शांति का संदेश देने के लिए एकत्रित होंगे. 21 को जल आत्मनिर्भर भारत का रोड मैप भी जारी किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस वर्ष पूरे विश्व में 80 देशों में चुनाव हो रहे हैं. सभी दलों को अपने मेनीफेस्टो में पानी की समस्या को रखकर उसके समाधान की बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत का भी जल विजन एजेंडा 47 तभी संभव होगा जब भारत जल के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा. इसके लिए ही राजनीतिक दलों को अपने चुनाव घोषणा पत्र में एक रोड मैड के रूप में जल संरक्षण और संवर्धन के लिए स्पष्ट रणनीति बतानी होगी. सिंह का स्वागत सीएम पाराशर ने किया.