समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल मतदाताओं के अधिकार और आरक्षण में व्यवधान डालने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव आयोग को आगे करके SIR करा रही है, जबकि जमीन पर काम करने वाले बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLO) पर अत्यधिक दबाव बनाया जा रहा है। इसी दबाव का परिणाम हाल ही में सामने आई कई मौतों के रूप में दिखा है।
#WATCH | Lucknow, UP | Samajwadi Party Chief Akhilesh Yadav says, “When I went to Fatehpur to meet the family of the supervisor (who died during SIR exercise), I was told by the family that he was under tremendous pressure from the government to complete the process quickly. As a… pic.twitter.com/d3imOaje57
— ANI (@ANI) November 29, 2025
अखिलेश यादव फतेहपुर में हुए एक बीएलओ की आत्महत्या की घटना का जिक्र करते हुए भावुक नजर आए। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों ने स्पष्ट कहा है कि अधिकारी तेज गति से काम पूरा करने का दबाव डाल रहे थे, जिसके कारण बीएलओ ने चरम कदम उठाया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर अधिकारियों की तरफ से इस तरह का असहनीय दबाव क्यों बनाया जा रहा है। उनके अनुसार यह न सिर्फ सरकारी तंत्र की विफलता है, बल्कि लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास भी है।
अखिलेश ने पश्चिम बंगाल का उदाहरण देते हुए कहा कि बंगाल के लोग चुनाव आयोग पर भरोसा खो चुके हैं और उप-चुनावों के दौरान आयोग की भूमिका पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि आयोग ने वहां बूथों की लूट की घटनाओं पर आंखें बंद कर रखीं और बीजेपी की सुविधा के अनुरूप कार्य किया। उन्होंने घोसी विधानसभा क्षेत्र का मामला उठाते हुए कहा कि विधायक के निधन के बाद तेरहवीं तक नहीं हुई, लेकिन मतदाता सूची से 20 हजार नाम काटने की तैयारी की जा चुकी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव ने मलीहाबाद के मृतक बीएलओ विजय कुमार की पत्नी को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक भी सौंपा। उन्होंने कहा कि SIR प्रक्रिया के दौरान कई BLO अपनी जान गंवा चुके हैं, इसलिए सरकार को प्रत्येक मृतक BLO के परिवार को कम से कम एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देनी चाहिए। साथ ही परिवारों को सभी सरकारी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि अधिकारियों द्वारा BLO पर किसी भी प्रकार का दबाव न डाला जाए और कार्य प्रक्रिया को मानवीय बनाया जाए।

















