अलवर : डॉ. भरत मीणा की पुस्तक ‘घुमंतू सांसी जाति, पुलिस बल एवं मानव अधिकार’ का विमोचन, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की सराहना

अलवर ,भारत परिवार के राष्ट्रीय सम्मेलन में बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय अलवर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भरत मीणा की पुस्तक “घुमंतू सांसी जाति, पुलिस बल एवं मानव अधिकार” का विमोचन छत्तीसगढ़ के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार, गंग मुक्ति आंदोलन बिहार के अनिल प्रकाश, डॉ. योगेंद्र कुमार, निर्वाण वन फाउंडेशन अलवर के निर्वाण बोधिसत्व, और भारत परिवार के राष्ट्रीय संरक्षक दिलीप सिंह द्वारा किया गया।

डॉ. महेश गोठवाल ने बताया कि यह पुस्तक भारतीय समाज के हाशिए पर स्थित घुमंतू सांसी जाति के सामाजिक-आर्थिक जीवन और मानव अधिकारों के मुद्दों की जांच करती है और समाज में उनकी सहभागिता का सवाल उठाती है। पुस्तक के लेखक डॉ. भरत मीणा ने बताया कि ब्रिटिश काल में घुमंतू सांसी जाति को अपराधी जनजाति मानते हुए पुलिस की निगरानी में रखा गया था। आज़ादी के बाद इस अधिनियम को समाप्त कर दिया गया, लेकिन पुलिस का पूर्वाग्रह और घुमंतू सांसी जाति के प्रति प्रताड़ना जारी रही, जो उनके मानव अधिकारों का उल्लंघन है।

इस पुस्तक में पुलिस द्वारा किए गए व्यवहार का विश्लेषण और घुमंतू जनजातियों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों की चर्चा की गई है। साथ ही पुलिस बल की संरचना, शक्तियां, दायित्व और सुधारों की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।कार्यक्रम में कई सामाजिक कार्यकर्ता और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिनमें हरिशंकर गोयल, वीरेंद्र क्रान्तिकारी, सरिता भारत, डॉ. महेश गोठवाल, सर्वेश जैन, राजकुमार बक्शी, प्रदीप माथुर, किशोर कुमार और डॉ. महेश वर्मा शामिल थे।

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