रेफर किए गए बुखारग्रस्त बच्चे को बरेली जिला अस्पताल से सैफई ले जाने की बजाय अपने घर जाकर 108 एंबुलेंस कर्मियों ने दो घंटे तक नहाने और खाना खाने में समय बर्बाद कर दिया। इससे बच्चे की जान चली गई।
इस लापरवाही की गूंज जब शासन तक पहुंची तो दोनों कर्मचारियों को बर्खास्त करते हुए एंबुलेंस के स्टाफ को लखनऊ तलब किया गया है।
मंगलवार को शासन स्तर पर एबुलेंस में बच्चे के दम तोड़ने के मामले में संज्ञान लिया गया और बड़ी कार्रवाई की गई। शासन के निर्देश पर लखनऊ से ही 108, 102 एबुलेंस की कार्यदायी संस्था के द्वारा ईएमटी अमित कुमार और पायलट अनूप कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा इन दोनों के अलावा स्थानीय स्टाफ को शासन तलब किया गया है। शासन की एबुलेंस कर्मियों पर हुई कार्रवाई के बाद हड़कंप मच गया है। एबुलेंस जिला प्रभारी सहित अधिकारियों से जबाव तलब किया गया है वहीं सीएमओ को भी शासन से जांच करने को निर्देशित किया गया है।
यह है मामला सोमवार को बदायूं जिले के बिनावर के गांव पुठी सहाय निवासी हरिनंदन के नौ माह के बेटे आशीष को बुखार आया तो परिजन उसको बरेली ले गए। चूंकि बदायूं के मुकाबले गांव से बरेली नजदीक था। इसलिए बरेली ले गए। बरेली प्राइवेट अस्पताल में दिखाने के बाद जिला अस्पताल ले गए वहां से गंभीर हालत होने पर बच्चे को सैफई के लिए रेफर कर दिया गया। बच्चे आशीष के चाचा शिवनंदन ने बताया कि सोमवार सुबह करीब साढ़े दस बजे एबुलेंस जिला अस्पताल पहुंची चालक अनूप और ईएमटी अमित एबुलेंस सैफई की जगह बरेली के नकटिया से पांच किलो मीटर दूर गांव मोहनपुर ठिरिया ले गया।
परिजनों के अनुसार नहाने और खाने में दोनों लग गए और दो घंटा बीत गए। इस बीच एबुलेंस में तड़प-तड़पकर बच्चे की मौत हो गई। चालक और पायलट घर से बाहर नहीं निकलकर आये। जब तक आये, तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। 102,108 एबुलेंस सेवा, प्रोग्राम मैनेजर बरेली, शिवम कुमार सोनी ने कहा कि बच्चे की मौत के मामले में शासन स्तर से ईएमटी और पायलट दोनों को बर्खास्त किया गया है और लखनऊ तलब किया गया है मामले की जांच चल रही है।