बांदा। पंडित जवाहरलाल नेहरू डिग्री कॉलेज इन दिनों शिक्षा का मंदिर कम और अन्ना जानवरों का अड्डा अधिक बनता नजर आ रहा है। परिसर में लगातार आवारा पशुओं का जमावड़ा देखने को मिल रहा है, जिससे पढ़ाई लिखाई का माहौल बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। आये दिन छात्रों के साथ ऐसी घटनाएं हो रही हैं जिनसे छात्र भयभीत हो रहे हैं। सांडों के झुंड जब परिसर में घुसते हैं तो छात्राओं को अपनी जान बचाकर भागना पड़ता है। बावजूद इसके प्रशासन आंख मूंदे बैठा है। कालेज प्रशासन की लापरवाही के चलते अन्ना जानवरों का उत्पात बढ़ता जा रहा है। परिसर में घूम रहे सांड व गायें न केवल कूड़े में मुंह डालकर गंदगी फैला रहे हैं बल्कि कक्षाओं के पास पहुंचकर छात्रों के बैठने तक में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। छात्राओं के बीच भय का माहौल है, जिससे उनका शैक्षणिक वातावरण पर सीधा असर पड़ रहा है। छात्रों के पीठ पीछे पहुंचने वाले सांडों से आत्मरक्षा करना मुश्किल हो जाता है। परिसर की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कालेज प्रशासन की उदासीनता भी छात्रों में चिंता का विषय बनी हुई है। परिसर में फैली गंदगी के चलते संक्रमण फैलने का भी खतरा है, लेकिन कोई अधिकारी संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। आवारा पशुओं पर रोक नहीं लग पा रही है जबकि नगर निगम ने चेतावनी दी है कि, यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो अन्ना जानवरों को पकड़ने के अभियान में मनमानी करने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी। छात्रों का कहना है कि कॉलेज परिसर में गंदगी व आवारा पशुओं की समस्या काफी समय से बनी हुई है लेकिन कॉलेज प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। जिससे पढ़ाई का माहौल पूरी तरह बिगड़ गया है और छात्राएं भयभीत होकर कॉलेज आ रही हैं। कॉलेज प्रशासन की चुप्पी इस समस्या को और बढ़ा रही है।

















