“भद्राज मंदिर – 2.0” अंतरराष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला में कलाकारों ने बिखेरा हुनर

मुजफ्फरनगर के प्रवीण सैनी, देहरादून के जाकिर हुसैन और सुरेंद्र सिंह सहित कई कलाकारों ने जलरंग और ऐक्रेलिक माध्यमों में उत्कृष्ट चित्र प्रस्तुत किए। देवभूमि उत्तराखंड विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य डॉ. मंतोष यादव ने भी अपनी कलाकृतियों के माध्यम से पहाड़ों की सुंदरता को दर्शाया।

मसूरी, उत्तराखंड में “भद्राज मंदिर – 2.0” अंतरराष्ट्रीय चित्रकला कार्यशाला का सफल आयोजन हुआ। अ सोल आर्ट फाउंडेशन और कलागिरी आर्ट एंड क्राफ्ट फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में भारत और नेपाल के सैकड़ों कलाकारों ने भाग लिया।

विश्व प्रसिद्ध जलरंग चित्रकार बिजय बिस्वाल ने भद्राज मंदिर और पहाड़ी परिदृश्य को जीवंत किया। बेंगलुरु के एम.के. गोयल ने आध्यात्मिक चित्रण किया, जबकि काशी के हरिदर्शन सांख्य ने हिमालय की सुंदरता उकेरी। महाराष्ट्र के ईश्वर शहाजी उमाप ने मिट्टी से बॉबी राजवंशी की मूर्ति बनाई।

कार्यशाला के संयोजक राहुल कुमार, सह-संयोजक उर्मिला राय और उत्तम राय ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कार्यशाला कलाकारों के लिए सीखने और नए दृष्टिकोणों को अपनाने का शानदार मंच बनी।

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