मुज़फ्फरनगर में वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ने पर प्रशासन हरकत में आ गया है। दिल्ली–एनसीआर से करीब 120 किलोमीटर दूर स्थित इस जिले में जैसे ही आयोग फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 11 नवंबर को ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू किया, वैसे ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने तत्काल सख्त कार्रवाई शुरू कर दी। GRAP-3 के तहत निर्माण कार्यों, औद्योगिक इकाइयों और पुराने वाहनों पर कड़े प्रतिबंध लागू किए गए हैं, क्योंकि जिले का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 से ऊपर पहुंच चुका है, जो गंभीर श्रेणी में माना जाता है।PCB अधिकारी गीतेश चंद्रा के नेतृत्व में मंगलवार और बुधवार को विभिन्न इलाकों में औचक निरीक्षण किए गए। मंगलवार को टीम ने शहर के समीप खांजापुर में ओम साई राम बिल्डिंग मटेरियल, भोपा रोड पर श्यामा जी ट्रेडर्स और काली नदी पुल के पास गजराज बिल्डिंग मटेरियल की जांच की। इन जगहों पर खुले में बिल्डिंग मटेरियल जैसे रेत, बजरी और सीमेंट का ढेर पाया गया, जिससे धूल उड़कर वातावरण को प्रदूषित कर रही थी। टीम ने मौके पर ही सभी संचालकों को नोटिस जारी करते हुए नियमों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।इसके अलावा भोपा रोड पर रविता सेंडर्स, तिरुपति सेंडर्स और दमिनी हेल्थ फूड्स पर भी छापेमारी की गई। यहां जांच के दौरान डीजल जनरेटर नियमों के विपरीत चलते पाए गए, जिनसे ध्वनि और वायु प्रदूषण फैल रहा था। बोर्ड ने इन इकाइयों को तत्काल बंद करने के आदेश जारी किए और चेतावनी दी कि दोबारा नियम उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।बुधवार को PCB की टीम ने बिजनौर रोड पर वलीपुरा गांव के सोनू पुत्र रहमाली, मुझेड़ा के फूल मियां पुत्र अनवर और शाहने रजा पुत्र मोहम्मद मुस्लिम के कोल्हू उद्योगों पर कार्रवाई की। टीम ने पाया कि इन इकाइयों में कोयले और डीजल के अत्यधिक प्रयोग से वायु प्रदूषण फैल रहा था और उत्सर्जन मानकों का पालन नहीं किया जा रहा था। सभी संचालकों को नोटिस देकर संचालन बंद करने के निर्देश दिए गए।PCB के सहायक इंजीनियर कुंवर संतोष ने बताया कि जिले में प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगातार निगरानी की जा रही है। GRAP-3 के तहत निर्माण कार्यों पर अस्थायी रोक, BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लागू है। उन्होंने कहा कि कार्रवाई का मकसद उद्योगों को बंद कराना नहीं, बल्कि पर्यावरण मानकों का पालन सुनिश्चित कराना है।गौरतलब है कि मुज़फ्फरनगर में बिल्डिंग मटेरियल कारोबार और गन्ने के कोल्हू उद्योग बड़े पैमाने पर चलते हैं, जिनसे सैकड़ों मजदूरों की आजीविका जुड़ी है। GRAP-3 लागू होने से इन मजदूरों पर आर्थिक असर पड़ सकता है, लेकिन बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन का सख्त रुख जरूरी माना जा रहा है। 2025 में CAQM ने पूरे NCR क्षेत्र में 1006 इलेक्ट्रिक बसें बढ़ाई हैं ताकि सार्वजनिक परिवहन में प्रदूषण कम किया जा सके। वहीं, स्थानीय स्तर पर PCB द्वारा धूल नियंत्रण और जनजागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में कोल्हू उद्योगों से उठता धुआं प्रदूषण का प्रमुख स्रोत बन चुका है, जिसे रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और सख्त कार्रवाई जारी है।

















