मुज़फ्फरनगर रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात एक शर्मनाक घटनासामने आई जब मुंबई से आई महिला यात्रियों के साथ टिकट को लेकर जमकर बदसलूकी हुई। पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया कि वे रात करीब 1:30 बजे से टिकट के लिए स्टेशन पर बैठी थीं, लेकिन टिकट विंडो पर बैठे कर्मचारी ने न केवल गलत टिकट बनाया, बल्कि गलती बताने पर उनके साथ गाली-गलौज भी की और फॉर्म उनके चेहरे पर फेंककर मारा।
महिलाओं ने जब स्टेशन मास्टर पवन कुमार से शिकायत करनी चाही तो उन्हें घंटों बैठाया गया और अंत में भी कोई मदद नहीं मिली। महिलाओं का आरोप है कि स्टेशन मास्टर ने कहा, “तुम्हारी कोई सुनवाई नहीं होगी, जो करना है कर लो।” इससे आक्रोशित महिलाओं ने रेलवे प्रशासन से लिखित शिकायत दी, लेकिन उनकी तहरीर को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
महिलाओं को कभी जीआरपी, तो कभी आरपीएफ थाने दौड़ाया गया। महिला डेस्क पर कोई महिला कांस्टेबल भी मौजूद नहीं थी, जिससे वे और अधिक असहाय महसूस कर रही थीं। महिलाओं का कहना है कि सरकार महिला सम्मान की बात तो करती है, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है।
सुबह जब आईआरसीटीसी का एक एजेंट पहुंचा, तब उसी के जरिए टिकट बनना शुरू हुआ, जिससे महिलाओं को और गुस्सा आया कि आम यात्रियों की सुनवाई क्यों नहीं होती। वहीं, जब पत्रकारों ने स्टेशन पर पहुंचकर सवाल किए, तो RPF स्टेशन प्रभारी विनय गौतम ने पत्रकारों से भी बदतमीज़ी कर दी।
रेलवे प्रशासन की कार्यशैली पर यह मामला बड़ा सवाल बनकर खड़ा हो गया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि रेलवे इस पर कोई सख़्त कार्रवाई करता है या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह दबा दिया जाएगा। खबर लिखे जाने तक महिलाओं को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला था और वे स्टेशन से निराश होकर लौट गईं।