नागपुर में सुबह हर दिन जैसी सुहावनी नहीं रही. सबकुछ जैसे उजड़ा-उजड़ा सा है. सोमवार रात हुई हिंसा (Nagpur Violence) के निशान हर तरफ दिखाई दे रहे हैं.दर्जनों गाड़ियां जली हुई हैं. ईंट-पत्थर बिखरे पड़े हैं. घर और दुकानें जलकर राख हो चुकी हैं. नागपुर के हंसापुरी में सोमवार रात क्या हुआ, सुबह वहां की सड़कें इसकी गवाही दे रही हैं. सड़कों पर खड़ी गाड़ियां अभी तक सुलग रही हैं. हवा में जहरीला धुआं घुला हुआ है. सड़कों पर बिखरे पत्थर बता रहे हैं कि रातभर दंगाइयों ने कैसा उपद्रव मचाया होगा. हालांकि अब वहां शांति है. सवाल बस यही कि नागपुर को दहलाने वाले आखिर हैं कौन?एक प्रत्यक्षदर्शी महिला ने बताया कि उपद्रवियों ने तलवारों से घरों के दरवाजों को तोड़ दिया. 8-10 वाहनों को जमाकर आग के हवाले कर दिया.
VIDEO | Visuals from Nagpur where violence erupted on Monday as stones were hurled at police. The city saw several incidents of stone-pelting and arson.
— Press Trust of India (@PTI_News) March 17, 2025
(Source: Third Party)#NagpurViolence pic.twitter.com/sr37c1dxxE
#WATCH | Nagpur, Maharashtra: A local from the Hansapuri area says, " They vandalised shops…they set fire to 8-10 vehicles" https://t.co/dulJLlh1kV pic.twitter.com/187EPOlWzC
— ANI (@ANI) March 17, 2025
औरंगजेब की कब्र को लेकर महाल इलाके से शुरू हुआ बवाल दिन ढलते-ढलते एक हिंसक घटना में बदल जाएगा, ये किसी ने सोचा नहीं था. जैसे ही रात हुई नागपुर के हंसापुरी इलाके का नजारा पूरी तरह से बदल चुका था. उपद्रवियों ने ऐसा तांडव मचाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. घरों और दुकानों को आग लगा दी. उपद्रवियों ने 40 गाड़ियों को फूंक दिया. सार्वजनिक संपत्ति को जमकर नुकसान पहुंचाया. पुलिस पर पत्थर बरसाए. इस घटना में 12 पुलिसकर्मी बुरी तरह से घायल हो गए हैं. हालांकि पुलिस ने समय रहते हालात पर काबू पा लिया.
नागपुर में कैसे शुरू हुई हिंसा?
पुलिस के मुताबिक, सोमवार देर शाम ये उपद्रव तब शुरू हुआ, जब बजरंग दल के सदस्य महाल इलाके में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे. उसी दौरान अफवाह फैली कि प्रदर्शनकारियों ने धार्मिक ग्रंथ जला दिया है. बजरंग दल के विरोध- प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से सर्कुलेट हुए. जिसके बाद मुस्लिम समुदाय में आक्रोश फैल गया. शाम के समय गणेशपेठ थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई कि एक धार्मिक ग्रंथ को जलाया गया है. पुलिस ने बताया कि इस शिकायत के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग बड़ी संख्या में महाल इलाके के अलग-अलग हिस्सों में जुटने लगे. पुलिस ने स्थिति को भांपते हुए गश्त तेज की और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बुला लिया.
देखते ही देखते भीड़ बेकाबू हो गई. उसने पुलिस पर भी पथराव शुरू कर दिया. जिसके बाद स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को भी आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस के मुताबिक, दूसरे इलाकों से भी हिंसा की खबरें सामने आईं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सोमवार दोपहर नागपुर में कुछ संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया. वे जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तभी दो समूहों के बीच मामूली विवाद हो गया. इसे कुछ ही देर में सुलझा लिया गया था.

(नागपुर हिंसा के दौरान पलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े)
बाद में शाम 7 से 7.30 बजे के बीच एक बड़ा समूह शिवाजी चौक पहुंचा और नारेबाजी करने लगा. ये लोग दोपहर में हुए विरोध-प्रदर्शन से नाराज थे. जैसे ही नारेबाजी शुरू हुई, इलाके में मौजूद दूसरे गुट ने भी नारेबाजी शुरू कर दी. कानून-व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए पुलिस मौके पर पहुंची.