गाजियाबाद। मेरठ रोड स्थित ऑटोमेटिक ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना के साथ ही आरटीओ विभाग ने साफ कर दिया है कि अब बिना प्रशिक्षण के किसी भी व्यक्ति का ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनेगा। सेंटर के उद्घाटन के दौरान एआरटीओ मनोज कुमार सिंह, संभागीय परिवहन निरीक्षक विवेक कुमार खरवार सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
पत्रकारों से बातचीत में आरटीओ ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदकों को अब ऑटोमेटिक टेस्टिंग ट्रैक पर अनिवार्य रूप से टेस्ट देना होगा। टेस्ट में सफल होने के बाद ही लाइसेंस जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया छह चरणों में पूरी होगी और हर चरण के लिए निश्चित समय सीमा तय की गई है। समय सीमा के भीतर प्रत्येक चरण पूरा करना अनिवार्य होगा।
सुविधा के तौर पर ड्राइविंग टेस्ट सेंटर पर टेस्ट देने वालों को वाहन भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न आए। इससे ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी एवं सुरक्षित होने की उम्मीद जताई जा रही है।

















