बाबा रामदेव ने हाल ही में वृंदावन में आयोजित मलूक जयंती समारोह में ‘शरबत जिहाद’ पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी विशेष व्यक्ति या संस्था का नाम नहीं लिया, लेकिन रूह अफजा जैसे शरबत निर्माताओं ने इसे ‘शरबत जिहाद’ मान लिया है, जिससे स्पष्ट है कि वे इस तरह के ‘जिहाद’ को बढ़ावा दे रहे हैं। रामदेव ने देश की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि भारत आज आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आतंकवाद से गुजर रहा है। उन्होंने इस संकट से निपटने के लिए सनातन धर्म के अनुयायियों से एकजुट होने का आह्वान किया। उनका कहना था कि सनातनियों को अपनी एकता को मजबूत करना होगा, ताकि देश को संकटों से उबारा जा सके। रामदेव ने अपने संबोधन में सनातन धर्म के महत्व को भी रेखांकित किया और इसे देश की सांस्कृतिक धरोहर बताया। उनका यह बयान समाज में काफी चर्चा का विषय बन गया है और विभिन्न वर्गों से प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
