डी एम राजेश कुमार त्यागी ने विकास खंड गंगेश्वरी के ग्राम मंगरौला व विकास खंड हसनपुर के ग्राम अगरौला में बगद नदी को पुनर्जीवित किए जाने के लिए विधिवत भूमि पूजन के साथ खोदाई कार्य की शुरुआत की।इस दौरान डीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ फावड़ा चलाकर श्रमदान किया।
कहा कि जिन लोगों ने बगद नदी पर अतिक्रमण कर रखा है। उसे स्वयं छोड़ दें। अन्यथा प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को छुड़ा लिया जाएगा। यहां मुख्य विकास अधिकारी अश्विनी कुमार मिश्र, परियोजना निदेशक अमरेंद्र प्रताप, एसडीएम भगत सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी व खंड विकास अधिकारी ने भी फावड़ा चलाकर श्रमदान किया।
डीएम ने कहा कि बगदनदी के पुनर्जीवन के लिए इसकी खुदाई के कार्य होना जरूरी है। प्रतिदिन नदी की खुदाई का कार्य किया जाएगा। खुदाई का कार्य मनरेगा और विभिन्न विभागों संगठनों समाज सेवियों के श्रमदान द्वारा पूरा किया जाएगा। कहा कि एक पेड़ लगाने से 10 पुत्रों को बराबर लाभ होता है।
इससे बड़ी बात क्या हो सकती है जो हम नदी को पुनर्जीवित करने का कार्य कर रहे हैं। अपना स्वार्थ छोड़कर इसमें श्रमदान करें। यह पर्यावरण के लिए बहुत जरूरी है। बगद नदी के पुनर्जीवित होने से आसपास की भूमि उपजाऊ हो जाएगी। इस मौके पर ग्राम प्रधान मंगरौला सोमपाल सिंह, भाकियू शंकर के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद नागर, रिंकू आदि मौजूद रहे।
11 गांवों से गुजरने वाली नदी सूखी
बगद नदी को सदा नीरा बनाने के लिए की जा रही खुदाई जोर पकड़ती जा रही है। पांचवें दिन सुबह से ही श्रमिक फावड़े, तसला लेकर खुदाई के काम में जुट गए। समतल हो चुके नदी स्थल से मिट्टी को उठाकर किनारे डाला गया। किनोर ऊंचे होने लगे हैं।
बगद नदी को पुनर्जीवित करने का बीते सोमवार से अभियान चल रहा है। रोजना सैकड़ों श्रमिक नदी की खुदाई में लगे हैं। पांचवें दिन शुक्रवार की सुबह राजस्व विभाग की टीम ने बगद नदी की आस पास के किसानों द्वारा अतिक्रमण कर कब्जाई भूमि की पैमाईश की।
निशान लगाकर श्रमिकों को बताया कि यहां तक भूमि बगद नदी की है। इसके बाद श्रमिकों ने फावड़े से मिट्टी को तसले में भर कर किनारे पर डाला। कोई फावड़े से मिट्टी को खोद कर परात में डाले बगैर किनारे पर फेंक रहा था।भीषण गर्मी में दोपहर तक श्रमिकों ने काफी काम कर दिया। खुदाई करा रहे बीडीओ पीसीएस अफसर विकास मित्तल का दावा है कि जल्द ही खुदाई का काम पूरा हो जाएगा। अब यह आमजन का मुद्दा हो गया है। लोग बढ़ चढ़ कर श्रमदान कर रहे हैं