ईरान ने इजराइली जासूसों की तलाश में अपने ही नागरिकों पर हमला कर दिया। सिस्तान-बालूचिस्तान प्रांत के गोनिच गांव में ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने ड्रोन और सैन्य वाहनों से कार्रवाई की, जिसमें एक महिला की मौत हो गई और 12 लोग घायल हो गए। चश्मदीदों और गांववासियों के मुताबिक, हमला अचानक किया गया और किसी को चेतावनी नहीं दी गई। IRGC ने दावा किया कि इलाके में पांच मोसाद से जुड़े इजराइली जासूसों की मौजूदगी की सूचना थी, लेकिन न तो किसी की तस्वीर दिखाई गई, न नाम उजागर हुए और न ही गिरफ्तारी की पुष्टि हुई।
मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह कार्रवाई महज एक बहाना है — असली मकसद बलूच समुदाय को दबाना है। गौरतलब है कि ईरान का बलूच समुदाय पहले से ही हाशिए पर है और लंबे समय से दमन और उपेक्षा का शिकार रहा है। यह पहली बार नहीं है जब बलूच नागरिकों को निशाना बनाया गया हो। अब मानवाधिकार संगठन इस हमले की स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग कर रहे हैं ताकि ईरान में हो रहे मानवाधिकार हनन को वैश्विक मंच पर उजागर किया जा सके।