बांदा। जनपद बांदा इस समय घनघोर कोहरे की चपेट में है। गुरुवार सुबह से हालात ऐसे रहे कि दस कदम की दूरी तक कुछ भी दिखाई नहीं दिया। सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए, जिससे आवागमन बुरी तरह प्रभावित हुआ। मौसम की गंभीरता को देखते हुए मौसम विभाग ने आगामी तीन दिनों के लिए जनपद में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
कोहरे और कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से जिला प्रशासन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि यात्रियों और जरूरतमंदों के लिए रैन बसेरों की व्यवस्था की जाए तथा गरीबों में कंबल वितरित किए जाएं। हालांकि जमीनी हकीकत इससे उलट नजर आ रही है। जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन परिसर हो या बस स्टैंड, कहीं भी रैन बसेरों की समुचित व्यवस्था दिखाई नहीं दे रही है। इसी तरह ठंड से बचाव के लिए कंबल वितरण की प्रक्रिया भी अब तक शुरू नहीं हो सकी है, जिससे जरूरतमंद और राहगीर परेशान हैं।
घने कोहरे के कारण सुबह और रात के समय हालात और भी भयावह हो जाते हैं। खासकर बुजुर्गों, बच्चों और बाहर से आने वाले यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासनिक निर्देश केवल कागजों तक सीमित नजर आ रहे हैं।सर्दी के इस भीषण दौर में नगर पालिका की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। जिला प्रशासन स्तर से निर्देश और बजट आरक्षित होने के बावजूद शहर के प्रमुख चौराहों, बस अड्डों और सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। रात के समय साधनों का इंतजार करने वाले यात्रियों और राहगीरों को ठंड में ठिठुरना पड़ रहा है। लोगों ने नगर पालिका से जल्द से जल्द अलाव, रैन बसेरा और अन्य राहत व्यवस्था शुरू करने की मांग की है।
















