बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के बीच हालात को काबू करने के लिए अंतरिम सरकार का गठन किया गया, जिसके प्रमुख के तौर पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस बने. यूनुस ने 8 अगस्त को राष्ट्रपति भवन ‘बंगभवन’ में आयोजित एक समारोह में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली. इस आयोजन में इंडियन हाई कमिश्नर शामिल हुए थे.बांग्लादेश के छात्रों ने पिछले महीने से सिविल सेवा में रिजर्वेशन को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जो कि हिंसा में बदल गया. स्थिति तब ज्यादा खराब हो गई जब शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भारत भाग आई. उस समय स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई, जिसको नियंत्रण करने के लिए अंतरिम सरकार का गठन किया गया.
इंडियन हाई कमिश्नर हुए थे शामिल
सरकार के गठन की बधाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए यूनुस को दी. प्रधानमंत्री के शपथ के साथ ही 16 और सहयोगियों ने भी शपथ ली है. अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बांग्लादेश की राजधानी ढाका इंडियन हाई कमिश्नर प्रणय वर्मा शामिल हुए थे. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रचार विभाग के अधिकारियों ने दी. हसीना के इस्तीफा देने के तीन दिन बाद 48 साल के यूनुस ने अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली है.
बना 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद
राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मोहम्मद यूनुस को शपथ दिलाई. यूनुस की सहायता के लिए 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की घोषणा की गई, जिसका हिस्सा छात्र आंदोलन के दो प्रमुख आयोजक मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद हैं, इस परिषद में 4 महिलाएं भी शामिल हुई हैं. पहली बार कैबिनेट में 26 साल के दो युवा शामिल हुए हैं.
यूनुस की सहायता के लिए 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद में नाहिद इस्लाम, आसिफ महमूद, रिजवाना हसन, फरीदा अख्तर, आदिल-उर-रहमान खान, एएफएम खालिद हुसैन, नूरजहां बेगम, शर्मीन मुर्शिद, फारुक-ए-आजम,सालेहुद्दीन अहमद, प्रोफेसर आसिफ नजरूल, हसन आरिफ, एम सखावत, सुप्रदीप चकमा, विधान रंजन रॉय और ताहीद हुसैन शामिल हैं.