बांग्लादेश के भीतर बीते 2-3 महीनो में काफी कुछ बदल गया है. जहां एक तरफ अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेशी नागरिक अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की लगातार कोशिश कर रहे है. इसी कड़ी में चार बांग्लादेशी नागरिक असम के करीमगंज जिले के माध्यम से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे. हालांकि पुलिस ने चारों बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश करने से रोक दिया.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर इस बात की जानकारी दी. हालांकि उन्होंने पहले ही कहा था कि राज्य सरकार द्वारा सीमा की कड़ी निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही सीमाएं सुरक्षित हैं. वैध पासपोर्ट, वीजा और भारत के नागरिक को ही आने की अनुमति दी जा रही है. इसके अलावा किसी को भी बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई है.
बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान
हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने पोस्ट में अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर रहे लोगों के नाम भी शेयर किया है. बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान मोतिउर शेख, मुशियार मुल्ला, तानिया मुल्ला और रीता मुल्ला के रूप में हुई, जिन्होंने भारत-बांग्लादेश सीमा के करीमगंज सेक्टर के माध्यम से भारत में प्रवेश करने का प्रयास किया. सरमा ने आगे कहा कि पुलिस ने प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप किया और उन्हें तुरंत खदेड़ दिया, जिससे उनका अवैध घुसपैठ रुक गया.
भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी
असम पुलिस के महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा था कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर हाई अलर्ट जारी किया गया है. ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी व्यक्ति अवैध रूप से राज्य में प्रवेश न कर सके. सीमा पर रक्षा की पहली पंक्ति बीएसएफ तैनात है. वहीं दूसरी पंक्ति में असम पुलिस ने मोर्चा संभाले हुए है. बांग्लादेश की स्थिति दो दृष्टिकोण से पूर्वोत्तर के लिए चिंता का विषय है. पहला लोगों के सीमा के माध्यम से अवैध घुसपैठ करने की संभावना. दुसरा पड़ोसी देश फिर से क्षेत्र के विद्रोहियों का केंद्र बन सकता है.