हिंदू सनातन परंपरा में आदिशक्ति मां भगवती की पूजा का विशेष महत्व होता है. पुराणों में वर्णन है मां भगवती की उपासना करने से मां सभी कष्टों को दूर करती है. नवरात्र में हरिद्वार जिला कारागार में मां भगवती की भक्ति का अलग ही रंग देखने को मिला नवरात्र के अवसर पर बंदी कैदियों को सच्चे मार्ग पर लाने के लिए हरिद्वार जिला कारागार में श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन किया गया.जिसमें बंदी कैदी मां की भक्ति रम गए यह नजारा देखकर हर कोई मंत्र मुक्त हो गया. श्रीमद् देवी भागवत कथा के आयोजन में पहुंचे संत समाज ने भी जेल प्रशासन द्वारा किए जा रहे इस कार्य की सराहना की.
हरिद्वार जिला कारागार वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्य का कहना है ऐसी कथाओं का जेल में बंदी कैदियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. हरिद्वार जेल में समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. उसके बाद बंदी कैदियों में अलग ही प्रभाव पड़ता है और इनके जीवन में परिवर्तन भी देखने को मिलता है. मनोज आर्या का कहना है की जेल में सभी धर्म के बंदी कैदी रहते है. हमारा प्रयास रहता है कि सभी धर्म के धार्मिक कार्यक्रम जेल में आयोजित हो. जिससे सर्व धर्म समभाव की भावना सब लोगों में जागे.जेल में हर धर्म के कार्यक्रम होते है आयोजित
हरिद्वार जिला कारागार में श्रीमद् देवी भागवत कथा के आयोजन में पहुंचे संत समाज ने भी इस कार्य की सराहना की. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत पुरी महाराज का कहना है कि आज लग रहा है कि यह जेल नहीं एक मठ है सभी बंदी कैदियों ने श्रीमद् देवी भागवत कथा के माध्यम से मां का भजन कीर्तन किया. हरिद्वार जिला कारागार में हर धर्म के कार्यक्रम आयोजित होते है. श्रीमद् देवी भागवत कथा के माध्यम से बंदी कैदियों को पुण्य का लाभ मिलेगा. हम बंदी कैदियों को आशीर्वाद देते हैं कि जेल से बाहर आकर अच्छे मार्ग पर चले
.