दिल्ली और गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में भारत टैक्सी के पायलट रन की शुरुआत होते ही राइड-हेलिंग सेक्टर में नई हलचल मच गई है। लॉन्च से पहले ही इस प्लेटफॉर्म ने वह उपलब्धि हासिल कर ली, जिसे बड़े-बड़े ग्लोबल नेटवर्क भी छू नहीं पाए हैं। केवल 10 दिनों में ही 51,000 से अधिक ड्राइवर भारत टैक्सी से जुड़ चुके हैं। यह आंकड़ा न्यूयॉर्क के ड्राइवर कूपरेटिव से भी कहीं ज्यादा है, जिससे भारत टैक्सी दुनिया का सबसे बड़ा ड्राइवर-नेतृत्व वाला टैक्सी नेटवर्क बन गया है।
भारत टैक्सी का मॉडल पूरी तरह ड्राइवर-फ्रेंडली बताया जा रहा है। इसमें किराया सामान्य उपयोगकर्ता के लिए सस्ता होगा और ड्राइवरों के लिए सबसे बड़ा लाभ है—जीरो कमीशन मॉडल। ओला और उबर जैसी कंपनियां ड्राइवरों से भारी कमीशन लेती हैं, जिससे उनकी कमाई पर सीधा असर पड़ता है। भारत टैक्सी में यह मॉडल खत्म कर दिया गया है, जिससे ड्राइवर को उसके मेहनत की पूरी कमाई मिल सकेगी। यह मॉडल न सिर्फ ड्राइवरों को आर्थिक मजबूती देगा बल्कि उन्हें अपने काम पर अधिक नियंत्रण भी प्रदान करेगा।
ग्राहकों के लिए भी इस सेवा के कई फायदे हैं। सस्ता किराया, साफ-सुथरी प्राइसिंग और स्थानीय ड्राइवरों की उपलब्धता इसे अधिक भरोसेमंद विकल्प बनाती है। यही वजह है कि लॉन्च से पहले ही यह प्लेटफॉर्म आम लोगों और ड्राइवर समुदाय में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
भारत टैक्सी को राइड-हेलिंग सेक्टर का ‘गेम चेंजर’ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि यह पहली बार ऐसा मॉडल पेश कर रहा है, जिसमें उपयोगकर्ता और ड्राइवर दोनों की जरूरतों को प्राथमिकता दी गई है। आने वाले दिनों में दिल्ली और गुजरात की सड़कों पर इसका असर स्पष्ट दिखेगा और संभव है कि यह ओला-उबर जैसे दिग्गजों के लिए कड़ी चुनौती बने।

















