देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समय अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रही है। पायलटों की गंभीर कमी और परिचालन बाधाओं के कारण बीते कुछ महीनों में कंपनी को बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं। अब तक लगभग 4,500 फ्लाइट्स रद्द हो चुकी हैं, जिससे न सिर्फ यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है, बल्कि कंपनी की साख और भविष्य की ग्रोथ भी प्रभावित हो रही है। इन परिस्थितियों को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो को तत्काल प्रभाव से अपनी उड़ानों में 10 प्रतिशत कटौती करने का आदेश दिया है। यह कटौती अगले कुछ महीनों तक हर महीने लागू रहेगी।
DGCA के इस फैसले का सीधा असर इंडिगो के राजस्व, यात्री संख्या और एयरलाइन की समग्र विकास दर पर पड़ेगा। कंपनी के लिए यह स्थिति इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इंडिगो बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए तेज गति से विस्तार कर रही थी। घरेलू उड्डयन क्षेत्र में इंडिगो की हिस्सेदारी सबसे अधिक है, ऐसे में उड़ानें घटाने का असर पूरे उड्डयन क्षेत्र पर भी दिखाई दे सकता है।
पायलटों की कमी एयरलाइन के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है। कई पायलट मेडिकल लीव पर हैं, जबकि कुछ ने बेहतर अवसरों की तलाश में इस्तीफे दिए हैं। इससे कई मार्गों पर समय से उड़ान परिचालन नहीं हो पा रहा है। यात्रियों को बार-बार कैंसिलेशन और री-शेड्यूलिंग का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी नाराज़गी भी बढ़ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि स्थिति जल्द सामान्य नहीं हुई, तो कंपनी की वित्तीय स्थिति पर गंभीर दबाव बढ़ सकता है।
इंडिगो प्रबंधन ने कहा है कि वे जल्द ही नए पायलटों की भर्ती और प्रशिक्षण की प्रक्रिया तेज करेंगे ताकि उड़ान संचालन को फिर से सुचारु तरीके से बहाल किया जा सके। हालांकि, फिलहाल के लिए कंपनी की ग्रोथ पर ब्रेक लगना तय माना जा रहा है।

















