मेरठ। नवरात्र के पहले दिन व्रत में कुट्टू के आटे से बनें व्यंजन खाने से ब्रह्मपुरी और टीपीनगर थाना क्षेत्र में दो बच्चों सहित लोग बीमार हो गए। उनको जिला अस्पताल और सिरोही नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है।गुरुवार को उपवास के दौरान दोनों स्थानों के लोगों ने कुट्टू के आटे से बनें व्यंजन खाए थे। व्यंजन खाने के कुछ देर बाद उनके पेट में दर्द तो कुछ को घबराहट सी होने लगी।
यह देख स्वजन घबरा गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गए।ब्रह्मपुरी के इंदिरा नगर प्रथम निवासी देवीशरण और उनकी बहन मधु वर्मा, पुत्रवधू रेखा व रेनू ने कुट्टू के आटे की बनी पूड़ी खाई थी। पूड़ी खाने के कुछ देर बाद देवीशरण को चक्कर आने लगे। जब तक वह कुछ समझ पाते तो उनकी पुत्रवधू रेखा और रेनू को उल्टी आने लगी।
इसके बाद आसपास के लोग उन्हें जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां पर ईएमओ डाक्टर लारेंस वर्मा ने उपचार किया। डाक्टर का कहना है कि मरीजों की हालत में सुधार है और उन्हें बेहतर उपचार दिया जा रहा है। उधर, टीपीनगर थाना क्षेत्र के जसवंत नगर पेपर मिल निवासी सतपाल उनकी पत्नी ब्रिजेश, पोती आकांक्षा और पोते सिद्धू ने कुट्टू के आटे से बनीं पकौड़ी खाई।
पकौड़ी खाते ही उन्हें घबराहट सी होने लगी। सतपाल के बेटे प्रवेश ने चारों को बागपत रोड स्थित सिरोही नर्सिंग होम में भर्ती कराया। जहां पर उनका इलाज चल रहा है।यह थे लक्षण? इन मरीजों को पेट में दर्द होने के साथ ही उल्टी और दस्त की शिकायत हो रही थी। कुछ लोगों को पेट में मरोड़ उठ रही थीं। कुछ मरीजों का जी मिचला रहा था।
इनका कहना
कुट्टू के आटे से बीमार होने वाले मरीजों की हिस्ट्री बताती है कि कई बार यह आटा संक्रमित होता है, जिसे खाने से अचानक लोगों की तबीयत बिगड़ जाती है. इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिनमें प्रमुख वजह है कि यह आटा मुख्य रूप से व्रत में ही इस्तेमाल होता है, रोजाना खाने में इसे नहीं खाते हैं।
कई बार लंबे समय तक गलत तरीके से स्टोर किए जाने या एक्सपायर्ड हो जाने के चलते यह संक्रमित हो जाता है। इसमें फंगल या अन्य तरीके का इन्फेक्शन विकसित हो जाता है और इसे खाकर लोग बीमार पड़ जाते हैं। पुराना, नमी वाला और मिलावटी कुट्टू सेहत को नुकसान पहुंचता है। कुट्टू गर्म भी होता है। इस मौसम में इसके स्थान पर व्रत में अन्य खाद्य पदार्थों का सेवन करें तो बेहतर है। -डा. लारेंस वर्मा ईएमओ जिला अस्पताल