इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीएसए मेरठ और बीआरसी के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर हस्तक्षेप से इन्कार कर दिया। याची शिक्षामित्र को शिक्षा विभाग के अन्य उच्चाधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज कराने का निर्देश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की अदालत ने शिक्षा मित्र निमिषा तिवारी की ओर से बीएसए और बीआरसी मेरठ के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका पर दिया है। अधिवक्ता सुनील चौधरी ने दलील दी कि याची को हाइकोर्ट की सेवा बहाली का आदेश दिया था। लेकिन, प्रधानाध्यापक की ओर से याची को न ही कक्षा आवंटित किया गया है और न उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर बनाने दिया जा रहा है।
कोर्ट ने पाया कि बीएसए और बीएसए की ओर से हाईकोर्ट के अनुपालन में याची की सेवा बहाल कर दी है। इसके अलाव याची ने अवमानना याचिका में प्रधानाध्यापक को पक्षकार नहीं बनाया है। लिहाजा, कोर्ट ने याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि बीएसए और बीआरसी ने आदेश का अनुपालन करने और प्रधानाध्यापक को पक्षकार न बनाए जाने के कारण इनके खिलाफ अवमानना का मामला नहीं बनता।