दिल्ली में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों (End of Life Vehicles – EOL) को ईंधन देने पर जुर्माना लगाने के सरकारी फैसले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस फैसले को दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
एसोसिएशन की याचिका में यह तर्क दिया गया है कि यदि कोई प्रतिबंधित वाहन पेट्रोल या डीजल भरवाता है, तो उसके लिए जिम्मेदार केवल वाहन मालिक या ड्राइवर होना चाहिए, पेट्रोल पंप संचालक नहीं।
उधर, आम आदमी पार्टी ने भी इस नियम का विरोध करते हुए कहा है कि यह फैसला करीब 61 लाख परिवारों पर आर्थिक बोझ डालेगा और इसका सीधा असर मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग पर पड़ेगा।
मामले पर कोर्ट में सुनवाई जारी है और फिलहाल यह देखना बाकी है कि क्या पेट्रोल पंप संचालकों को इस जिम्मेदारी से राहत मिलती है या नहीं।