मुख्य विकास अधिकारी ने दिया ऑनलाइन संबोधन,

मुजफ्फरनगर। उप कृषि निदेशक कार्यालय, कृषि भवन मुजफ्फरनगर में पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना के अंतर्गत प्राविधिक सहायकों एवं अवर अभियंताओं के लिए तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य योजना के अंतर्गत भूमि संरक्षण, जल प्रबंधन और किसानों की आय बढ़ाने से जुड़े तकनीकी पहलुओं की जानकारी देना रहा, ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावी और लक्ष्यपूर्ण तरीके से किया जा सके।प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी मुजफ्फरनगर ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर प्रतिभागियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने भूमि संरक्षण अनुभाग की उपयोगिता पर विस्तार से प्रकाश डाला और इस अनुभाग द्वारा कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम, जल संकट और भूमि की उर्वरता में रही कमी को देखते हुए भूमि संरक्षण से जुड़ी योजनाएं किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने सभी प्राविधिक सहायकों और अवर अभियंताओं को शुभकामनाएं देते हुए अपेक्षा जताई कि प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान का उपयोग वे फील्ड में किसानों के हित में करेंगे।प्रशिक्षण के दौरान योजना अधिकारी, विषय वस्तु विशेषज्ञ (शस्य एवं वानिकी) लखनऊ तथा संयुक्त कृषि निदेशक/उप कृषि निदेशक भूमि संरक्षण मेरठ मंडल, मेरठ ने भी ऑनलाइन माध्यम से सहभागिता की।

इन अधिकारियों ने योजना के विभिन्न पहलुओं जैसे सर्वेक्षण प्रक्रिया, लाभार्थियों का चयन, कार्यों का नियोजन और योजना के उद्देश्यों की पूर्ति पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना का मुख्य लक्ष्य किसानों को टिकाऊ कृषि पद्धतियों से जोड़ना, भूमि और जल संसाधनों का संरक्षण करना तथा दीर्घकालीन रूप से कृषि उत्पादन में वृद्धि करना है।उप कृषि निदेशक/भूमि संरक्षण अधिकारी प्रमोद सिरोही द्वारा प्रशिक्षण में उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के समक्ष योजना की अब तक की प्रगति प्रस्तुत की गई। उन्होंने बताया कि जिले में योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्य जैसे मेड़बंदी, जल संरक्षण संरचनाएं, भूमि समतलीकरण और अन्य संरक्षणात्मक गतिविधियां कराई जा रही हैं, जिससे किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिल रहा है। साथ ही उन्होंने प्रशिक्षुओं को योजना से संबंधित तकनीकी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की उपयोगी जानकारी दी, ताकि भविष्य में किसी भी स्तर पर कार्य करने में उन्हें कठिनाई हो।प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता, समयबद्धता और गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाना आवश्यक है। अधिकारियों ने प्रशिक्षुओं से अपेक्षा की कि वे फील्ड स्तर पर किसानों को सही मार्गदर्शन दें और सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए कहा कि इससे उन्हें योजना की बारीकियों को समझने में मदद मिली है और वे अपने दायित्वों का बेहतर निर्वहन कर सकेंगे।

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