केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने वायनाड में वेटरनरी यूनिवर्सिटी के एक छात्र की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि 20 वर्षीय छात्र सिद्धार्थन जे एस के पिता और रिश्तेदार सीएम विजयन से मिलने आए और मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि पुलिस जांच चल रही है और सभी आरोपियों को पहले ही एक निर्दोष और निष्पक्ष जांच के माध्यम से गिरफ्तार किया जा चुका है। बयान में कहा गया है कि चूंकि पीड़िता की मां ने भी सीबीआई जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की है इसलिए सीएम विजयन ने परिवार की भावनाओं का सम्मान करते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपने फैसला किया है।सीएमओ की ओर से यह बयान पीड़ित के पिता की ओर से संवाददाताओं को यह कहे जाने के कुछ देर बाद आया है कि विजयन ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जरूरत पड़ने पर मामला सीबीआई को सौंप दिया जाएगा।पीड़त के पिता मीडिया से बातचीत में बताया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और 18 फरवरी को कॉलेज छात्रावास के बाथरूम में फांसी पर लटके मिले अपने बेटे के मौत की सीबीआई से जांच कराने मांग की। उन्होंने कहा, “सीएम ने कहा कि अगर सीबीआई जांच की जरूरत होगी तो आदेश दिया जाएगा। उन्होंने मुझे यह आश्वासन दिया है।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने विजयन को सूचित किया कि उनके बेटे को लगी चोटों को देखते हुए जिसका पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है, कई डॉक्टरों ने कहा है कि सिद्धार्थन फांसी लगाने के लिए भी खड़े नहीं हो सकते थे।
उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मैंने मुख्यमंत्री से कहा कि मेरे बेटे की हत्या की गई है, यह आत्महत्या नहीं है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि राज्य के वायनाड जिले के पूकोडे में पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान कॉलेज के डीन और छात्रावास व पशु विज्ञान कॉलेज के डीन और छात्रावास के सहायक वार्डन को निलंबित करना काफी नहीं है, जहां सिद्धार्थ की मौत हुई है। उन्होंने मांग की कि उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाना चाहिए और कानूनी कार्रवाई का सामना करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर जांच सीबीआई को सौंप दी जाती है, तो उनके पास डीन और सहायक वार्डन के बारे में एजेंसी को बताने के लिए उस बहुत कुछ है। मामले में एक आरोपी के संबंध में अपनी रिमांड रिपोर्ट में पुलिस ने हाल ही में एक अदालत को बताया था कि पीड़ित को क्रूरतापूर्वक पीटा गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिद्धार्थ पर हमला करने के लिए एक बेल्ट और एक केबल तार का इस्तेमाल किया गया था।
इसमें कहा गया है कि उसके सहपाठियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने कॉलेज की एक छात्रा के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए छात्रावास के अंदर सार्वजनिक सुनवाई की। अधिकारी ने कहा, “उसके अंडरवियर उतार दिए गए और आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की। उनमें से कुछ ने बेल्ट और केबल तार का इस्तेमाल किया।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमला 16 फरवरी को रात करीब 9 बजे शुरू हुआ और 17 फरवरी को रात 2 बजे तक चला। पुलिस ने मामले में 18 आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 341 (गलत तरीके से रोकना), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 324 (स्वेच्छा से खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और केरल रैगिंग निषेध अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। सिद्धार्थ पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में स्नातक द्वितीय वर्ष के छात्र थे।
उसके माता-पिता ने दावा किया है कि उसके कॉलेज के कुछ साथियों ने उन्हें बताया कि एसएफआई के कुछ स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी।
पिता ने दलील दी कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उनके बेटे के शरीर पर चोट के निशान थे और वह खाली पेट था, जिससे संकेत मिलता है कि उसे बेरहमी से पीटा गया था और उसे खाना नहीं दिया गया था। सिद्धार्थन की मौत के बाद एसएफआई और सत्तारूढ़ वाम सरकार के खिलाफ कांग्रेस नीत विपक्ष और इसकी विभिन्न शाखाओं का व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ था।
विपक्ष और भाजपा ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ माकपा की छात्र इकाई एसएफआई ने सिद्धार्थन को पीट-पीटकर मार डाला। हालांकि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने आरोपों से इनकार किया है।

















