बुढ़ाना कस्बे के बड़ौत रोड निवासी और पीएसी 32वीं बटालियन में तैनात सिपाही गुलजार उस्मानी की उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस दुखद घटना से न केवल गुलजार के परिवार में बल्कि पूरे पुलिस महकमे में शोक और सन्नाटा पसरा हुआ है। शुक्रवार देर रात तक भी गुलजार का पार्थिव शरीर बुढ़ाना नहीं पहुंच सका था, जिससे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल बना हुआ था और कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई।
जानकारी के अनुसार 26 वर्षीय सिपाही गुलजार उस्मानी लखनऊ के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र में स्थित टू मॉल एवेन्यू पर तैनात थे। वे बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के सरकारी आवास पर सुरक्षा ड्यूटी में लगे हुए थे। रोजाना की तरह ड्यूटी पूरी करने के बाद वे रात में अपने कमरे में आराम करने चले गए थे। लेकिन अगली सुबह जब काफी देर तक वह बाहर नहीं निकले तो उनके साथियों को अनहोनी की आशंका हुई। कई बार आवाज लगाने के बाद भी जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो सहकर्मियों ने कमरे का दरवाजा खोला। अंदर का दृश्य देख सभी सन्न रह गए। गुलजार अचेत अवस्था में पड़े थे और उनके शरीर में कोई हलचल नहीं थी।
आनन-फानन में साथी जवान उन्हें सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर के मिलते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई और तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। पुलिस और चिकित्सकों की शुरुआती जांच में अत्यधिक ठंड या अचानक हार्ट अटैक को मौत की संभावित वजह बताया जा रहा है। इन दिनों लखनऊ में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे इस तरह की घटनाओं की आशंका जताई जा रही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यह केवल प्रारंभिक अनुमान है और वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
गौतमपल्ली थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल किसी तरह की आपराधिक या संदिग्ध गतिविधि के ठोस संकेत नहीं मिले हैं, लेकिन मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। पुलिस विभाग ने मृतक सिपाही के परिजनों को घटना की सूचना दे दी है और आवश्यक सहायता का भरोसा दिलाया है।
गुलजार उस्मानी को उनके साथी और अधिकारी एक मेहनती, अनुशासित और जिम्मेदार जवान के रूप में याद कर रहे हैं। कम उम्र में इस तरह का अचानक निधन सभी के लिए गहरा सदमा है। गुलजार अपने परिवार के सहारे थे और उनके जाने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बुढ़ाना में हजारों लोग उनके पार्थिव शरीर के आने का इंतजार कर रहे थे। अब सभी की निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे इस दुखद घटना की सच्चाई पूरी तरह सामने आ सकेगी।

















