उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में बंद पड़े और उपेक्षित मंदिरों की खोज और उनकी स्थिति को लेकर विवाद बढ़ रहा है। इन घटनाओं के केंद्र में मुस्लिम बहुल इलाकों में स्थित मंदिरों का पुनः खोजा जाना और उन पर पूजा-अर्चना का पुनः आरंभ शामिल है।
1. अलीगढ़ का मामला
हाल ही में अलीगढ़ में एक बंद मंदिर का पता लगाया गया, जहां स्थानीय हिंदू समूहों ने इसे फिर से खोलने और पूजा शुरू करने की पहल की। पुलिस ने मंदिर की सुरक्षा और गायब मूर्तियों की जांच शुरू की है। यह मामला स्थानीय समुदायों के बीच तनाव का कारण बन रहा है।
2. संभल में जामा मस्जिद का विवाद
संभल में हिंदू संगठनों ने दावा किया है कि जामा मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन हरिहर मंदिर को तोड़कर किया गया था। यह दावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की 1879 की एक रिपोर्ट के आधार पर किया जा रहा है।
- हरिहर मंदिर का दावा: यह मंदिर भगवान विष्णु के कल्कि अवतार को समर्पित माना जाता था।
- तनाव और हिंसा: इस विवाद के चलते कोर्ट ने मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था, जिसके बाद इलाके में हिंसा भड़क गई, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए।
3. अन्य स्थानों पर मंदिरों की स्थिति
मुजफ्फरनगर, संभल, और अलीगढ़ जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में कई मंदिर रखरखाव के अभाव में खंडहर में बदल गए हैं।
- लोकल डेमोग्राफी का प्रभाव: इन इलाकों में पहले हिंदुओं की आबादी अधिक थी, लेकिन समय के साथ मुस्लिम आबादी बढ़ने से मंदिरों में पूजा-अर्चना बंद हो गई।
- मंदिरों का पुनर्जीवन: हाल के वर्षों में हिंदू संगठनों ने इन उपेक्षित मंदिरों की खोज और पुनर्निर्माण की कोशिशें तेज की हैं।
ऐतिहासिक संदर्भ और सामुदायिक तनाव
यह स्थिति ऐतिहासिक, धार्मिक और सामुदायिक आधार पर जटिल है।
- मंदिर-मस्जिद विवाद उत्तर प्रदेश में पहले भी कई बार सांप्रदायिक तनाव का कारण बना है।
- पुरातात्विक साक्ष्यों और धार्मिक दावों के बीच संतुलन बनाना प्रशासन और न्यायालय के लिए एक चुनौती है।
यदि इस विवाद पर निष्पक्ष और संतुलित समाधान नहीं निकला, तो यह प्रदेश में शांति और सामाजिक समरसता के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।