ऑस्ट्रेलिया में भारतीयों पर संकट: विदेशी निवेशकों के लिए घर खरीदने पर दो साल का प्रतिबंध

ऑस्ट्रेलिया सरकार के इस फैसले का भारतीय समुदाय पर बड़ा असर पड़ सकता है, खासकर उन लोगों पर जो वहां उच्च शिक्षा के बाद स्थायी रूप से बसने की योजना बना रहे हैं।

क्या होगा असर?

  1. स्थायी रूप से बसने की योजना पर असर – जो भारतीय छात्र पढ़ाई के बाद वहीं घर खरीदकर स्थायी रूप से बसना चाहते थे, उन्हें अब नए मकानों पर ही निर्भर रहना होगा, जिनकी कीमत अधिक होती है।
  2. रेंटल मार्केट पर दबाव – किराए के मकानों की मांग और अधिक बढ़ सकती है, जिससे रेंटल दरें और बढ़ने की संभावना है।
  3. इन्वेस्टमेंट पर असर – कई भारतीय प्रवासी ऑस्ट्रेलिया में प्रॉपर्टी में निवेश कर रहे थे, लेकिन अब यह विकल्प सीमित हो जाएगा।
  4. इमिग्रेशन नीतियों पर प्रभाव – भविष्य में ऑस्ट्रेलिया की अन्य नीतियों में भी बदलाव हो सकता है, जिससे भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलिया में बसना और मुश्किल हो सकता है।

हालांकि, यह प्रतिबंध केवल स्थापित मकानों (Established Properties) पर है, यानी नए बनने वाले घरों की खरीदारी पर कोई रोक नहीं होगी। इससे ऑस्ट्रेलिया में नए मकान निर्माण को बढ़ावा देने की योजना है।ऑस्ट्रेलिया में हाउसिंग क्राइसिस

हाउसिंग मिनिस्टर ने आगे कहा कि तय समय सीमा के बाद इसकी समीक्षा की जाएगी. इसके बाद तय किया जाएगा कि इसे और आगे बढ़ाया जाना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा कि प्रतिबंध को लागू करने में मदद के लिए टैक्स ऑफिस को अतिरिक्त धन दिया जाएगा. ऑस्ट्रेलिया में ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि वहां हाउसिंग क्राइसिस काफी बढ़ गई है. ऑस्ट्रेलिया में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं.

ऑस्ट्रेलिया में घर खरीदना काफी महंगा

ऐसे में प्रोपर्टी और फ्लैट की बढ़ती कीमतों का मुद्दा गरमा सकता है. खासकर युवा मतदाताओं के बीच, जिन्हें डर है कि वे कभी भी घर नहीं खरीद पाएंगे. हाल के वर्षों में देश में किराए भी बढ़ रहे हैं. वैसे भी ऑस्ट्रेलिया में घर खरीदना काफी महंगा है. चीन वाले ऑस्टेलिया में काफी प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं. भारतीय भी वहां काफी खरीदते हैं. भारतीय छात्रों के लिए ऑस्ट्रेलिया एक पसंदीदा विकल्प रहा है.

हाउसिंग वैल्यूज में 70 फीसदी की वृद्धि

2023-24 में भारत ऑस्ट्रेलिया में अप्रवासियों के लिए प्रमुख स्रोत देश बना रहा. भारतीय युवा उच्च स्तर की शिक्षा हासिल करने के लक्ष्य के साथ ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और फिर वहां हमेशा के लिए बस जाते हैं. इस नए नियम के बाद इसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों को ही पड़ने वाला है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, सिडनी में पिछले 10 साल में हाउसिंग वैल्यूज में लगभग 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. एवरेज हाउसिंग वैल्यू अब लगभग 1.2 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर ($ 762,000) है.

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