मुजफ्फरनगर के जेवी पब्लिक स्कूल में इंजीनियर्स क्लब के सहयोग से बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम और आमजन को डिजिटल रूप से सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से एक विस्तृत साइबर जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक अपराध, मुजफ्फरनगर इन्दु सिद्धार्थ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और स्टाफ की सक्रिय भागीदारी रही, जिससे साइबर सुरक्षा को लेकर व्यापक संवाद स्थापित हुआ।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक अपराध ने वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रहे विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल, फिशिंग ई-मेल और मैसेज, सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग, डिजिटल अरेस्ट के नाम पर डराने वाले कॉल, लोन ऐप फ्रॉड, क्यूआर कोड स्कैम, फर्जी लिंक और ओटीपी फ्रॉड जैसे मामलों के बारे में उदाहरणों सहित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह अपराधी नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर लोगों को भ्रमित करते हैं और छोटी सी लापरवाही बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बन सकती है।
पुलिस अधीक्षक अपराध ने छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह देते हुए कहा कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या लिंक पर भरोसा न करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि ओटीपी, बैंक खाता विवरण, एटीएम पिन, पासवर्ड, आधार या पैन जैसी व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा करना बेहद खतरनाक हो सकता है। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत रखने और अनजान लोगों की फ्रेंड रिक्वेस्ट या संदेशों से सावधान रहने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यक्रम में बच्चों को मोबाइल फोन और इंटरनेट के संतुलित व सुरक्षित उपयोग के बारे में भी जागरूक किया गया। साइबर बुलिंग के बढ़ते मामलों पर चर्चा करते हुए बताया गया कि यदि किसी भी प्रकार की ऑनलाइन प्रताड़ना या असहज स्थिति का सामना करना पड़े तो उसे छिपाने के बजाय तुरंत अपने अभिभावकों, शिक्षकों या पुलिस को जानकारी दें। इससे समय रहते समस्या का समाधान संभव हो सकता है।
इसके अलावा, साइबर अपराध होने की स्थिति में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया के बारे में भी विस्तार से बताया गया। पुलिस अधीक्षक अपराध ने साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 और नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की जानकारी दी और समझाया कि जितनी जल्दी शिकायत दर्ज की जाती है, उतनी ही अधिक आर्थिक नुकसान की भरपाई की संभावना बढ़ जाती है।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय प्रबंधन और इंजीनियर्स क्लब की ओर से अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। इस साइबर जागरूकता अभियान के माध्यम से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और विद्यालय स्टाफ में डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी और सभी को सुरक्षित, जिम्मेदार व सतर्क डिजिटल व्यवहार अपनाने का संदेश मिला।

















