बांदा में साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देश पर रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज स्थित प्रेक्षागृह में एक व्यापक साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य आमजन, छात्र-छात्राओं, व्यापारियों और पुलिस कर्मियों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करना तथा उनसे बचाव के व्यावहारिक उपाय बताना रहा। कार्यक्रम में अपर पुलिस महानिदेशक प्रयागराज जोन डॉ. संजीव गुप्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ पुलिस उप महानिरीक्षक चित्रकूटधाम परिक्षेत्र बांदा राजेश एस., पुलिस अधीक्षक बांदा पलाश बंसल, पुलिस अधीक्षक महोबा प्रबल प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक हमीरपुर दीक्षा शर्मा तथा पुलिस अधीक्षक चित्रकूट अरुण कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यशाला में चित्रकूटधाम रेंज के सभी जनपदों की साइबर सेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ी। साथ ही बांदा जनपद के सभी थानों को भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम से जोड़ा गया, जिससे बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों को एक साथ प्रशिक्षण मिला। कार्यक्रम में बांदा के विभिन्न कॉलेजों से आए शिक्षक, प्राचार्य और छात्र-छात्राओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसके अतिरिक्त भाजपा जिलाध्यक्ष कल्लू राजपूत, नगरपालिका अध्यक्ष मालती बासु गुप्ता तथा उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी और सदस्य भी उपस्थित रहे।
पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा वर्चुअल संबोधन में साइबर सुरक्षा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। उन्होंने ऑनलाइन ठगी, फर्जी कॉल व लिंक, सोशल मीडिया और बैंकिंग व यूपीआई फ्रॉड जैसे अपराधों के तरीकों को समझाते हुए बताया कि डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ साइबर अपराधों में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने ओटीपी और पिन साझा न करने, संदिग्ध कॉल व संदेशों से सतर्क रहने, मजबूत पासवर्ड रखने और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अपनाने की सलाह दी। साइबर अपराध होने की स्थिति में तत्काल 1930 हेल्पलाइन नंबर या संबंधित पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया गया।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि साइबर अपराधों के पीछे लालच, लापरवाही, ऑनलाइन गेमिंग की लत और भय जैसे चार प्रमुख कारण होते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अत्यधिक लाभ का दावा करने वाली योजनाएं अक्सर ठगी होती हैं। साथ ही डिजिटल अरेस्ट के नाम पर वीडियो कॉल से डराने वाले मामलों को पूरी तरह फर्जी बताते हुए कहा कि भारत में किसी भी एजेंसी द्वारा ऑनलाइन माध्यम से गिरफ्तारी या जुर्माने की मांग नहीं की जाती।
अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. संजीव गुप्ता ने अपने संबोधन में वीडियो कॉल के जरिए ब्लैकमेलिंग, पुलिस अधिकारी बनकर धमकी देने, म्यूल अकाउंट और साइबर हिंसा जैसे मामलों की जानकारी दी। उन्होंने सभी से अपील की कि किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आएं। प्रसिद्ध साइबर विशेषज्ञ रक्षित टंडन ने सरल भाषा में विभिन्न साइबर अपराधों के उदाहरण देकर उनसे बचाव के उपाय बताए और उपयोगी वेबसाइटों की जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में अपर पुलिस अधीक्षक बांदा द्वारा साइबर कानूनों और आईटी एक्ट के प्रावधानों पर प्रकाश डाला गया। पुलिस अधीक्षक बांदा ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और सहयोगी इकाइयों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया।

















