मेरठ जिले के सरधना थाना क्षेत्र के कालिंदी गांव में हाल ही में एक दलित बारात पर दबंगों द्वारा हमला किया गया, जिससे सामाजिक ताने-बाने पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं।मुजफ्फरनगर के भोकरहेड़ी कस्बे से संजू की बारात कालिंदी गांव में आई थी। जैसे ही बारात कालिंदी खेड़ा तिराहे पर पहुंची और चढ़त की तैयारी करने लगी, तभी ठाकुर समाज के कुछ दबंग वहां पहुंचे और बारातियों के साथ गाली-गलौज एवं जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया। विरोध करने पर वे वहां से चले गए, लेकिन कुछ ही देर बाद लगभग आधा दर्जन युवक लाठी-डंडों से लैस होकर स्कॉर्पियो में सवार होकर लौटे और बारातियों पर हमला कर दिया।
हमले में दूल्हा संजीव, उसका भाई गोविंद और बहन निशा घायल हो गए। बारातियों में दहशत फैल गई, और वे जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। घायलों को तुरंत इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया।
UP मुज़फ्फरनगर से मेरठ गई बारात पर हमला.. दौड़ा दौड़ाकर पीटे गए दलित बाराती.. 2 आरोपी अरेस्ट
— TRUE STORY (@TrueStoryUP) March 1, 2025
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लूटपाट के आरोप
पीड़ितों का आरोप है कि हमलावरों ने मारपीट के दौरान ₹80,000 नकद से भरा बैग, दो सोने की अंगूठियां और एक सोने का ब्रेसलेट भी लूट लिया। यह घटना न केवल शारीरिक हिंसा बल्कि आर्थिक शोषण को भी दर्शाती है।
पुलिस की प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही सीओ पुलिस संजय जयसवाल थाने पहुंचे और पीड़ितों से बातचीत की। उन्होंने घायलों से अस्पताल में मुलाकात की और थाना पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। सरधना थाना इंस्पेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि बारातियों से मारपीट की घटना की जानकारी ली जा रही है, और तहरीर मिलने पर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक प्रतिक्रिया
यह घटना समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और असमानता की ओर इशारा करती है। दलित समुदाय के साथ इस प्रकार की घटनाएं सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करती हैं और समाज में असंतोष फैलाती हैं।
न्याय की उम्मीद
पीड़ित परिवार न्याय की उम्मीद में है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाना आवश्यक है ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मेरठ के कालिंदी गांव की यह घटना समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव और असमानता की गहरी जड़ों को उजागर करती है। यह आवश्यक है कि समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाएं, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।