अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत गुन्दपुर में स्थित दलित समाज मोहल्ले में गंदगी का आलम है, जिससे स्थानीय लोगों में मलेरिया और डेंगू जैसी संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। यह स्थिति तब और चौंकाने वाली बन जाती है, जब यह जानकारी मिलती है कि ग्राम पंचायत गुन्दपुर को ग्रामोदय सामाजिक संस्था (एनजीओ) द्वारा विकास के लिए गोद लिया गया है। यह संस्था क्षेत्र के सामाजिक कार्यों के लिए स्थानीय फैक्ट्रियों से कुछ धनराशि प्राप्त करती है, जैसे कि एमआईए स्थित यूनाइटेड स्प्रीट और डायजीओ ग्रुप की शराब फैक्ट्रियां, जो अपनी शुद्ध कमाई का 2% हिस्सा क्षेत्रीय सामाजिक कार्यों में लगाती हैं।
हालांकि, यह अचरज की बात है कि इस क्षेत्र में किसी भी जिला कलेक्टर ने अब तक एनजीओ द्वारा संचालित सामाजिक विकास कार्यों का निरीक्षण नहीं किया। अलवर जिला कलेक्टर डॉ. आर्तिक शुक्ला को जिले में विकास कार्यों के लिए जाना जाता है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे एनजीओ के कार्यों का निरीक्षण क्यों नहीं किया जा रहा है, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।

















