क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग के बढ़ने से शरिया कानून में इसकी मान्यता और किंगडम में इसकी कानूनी स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं. इस वक्त क्रिप्टो को लेकर देश में शरिया की स्थिति यह है कि क्रिप्टोकरेंसी “न तो हलाल है और न ही हराम.” हालांकि क्रिप्टोकरेंसी समर्थकों ने अबू धाबी में हाल ही में एक सम्मेलन के दौरान इसे “अब तक का सबसे इस्लामी रूप” कहा था.UAE फतवा काउंसिल के एक विद्वान ने कहा, “हमारी अभी का स्टैंड ‘तवाक़ुफ़’ है, हम यह नहीं कह सकते कि यह हलाल है या हराम, लेकिन हम कहते हैं कि इसमें शामिल न होना बेहतर है.” उन्होंने समझाया कि यह मुद्दा जटिल है क्योंकि क्रिप्टो का विश्लेषण करने के कई तरीके हैं. इसकी सट्टा प्रकृति के बारे में चिंताएं हैं, क्योंकि इसकी कीमतों में रातोंरात काफी उतार-चढ़ाव आता है. जिससे लोग इसे निवेश के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ लोगों ने पैसा कमाया है, इसमें अन्य जोखिम शामिल हैं, यही वजह है कि इसे अभी अनुशंसित नहीं किया गया है.
बिटकॉइन समर्थक
क्रिप्टोकरेंसी के समर्थकों का तर्क है कि मुस्लिम दुनिया बिटकॉइन क्रांति से चूक रही है. वित्तीय जानकार, शरिया सलाहकार और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग विशेषज्ञ अरिश एहसान ने कहा कि दुनिया भर की सरकारें बिटकॉइन में तेजी से दिलचस्पी ले रही हैं. उन्होंने कहा कि बिटकॉइन के पक्ष में अगले सबसे प्रचारित तर्क ये है कि यह किसी भी सरकार के नियंत्रण से बाहर है, जो कि फिएट मुद्रा के बिल्कुल अलग है. उन्होंने कहा कि अगर इसका चलन बढ़ता रहता है, तो हर सरकार का इस पर अलग-अलग हद तक नियंत्रण होगा.UAE फतवा काउंसिल के एक विद्वान ने कहा, “हमारी अभी का स्टैंड ‘तवाक़ुफ़’ है, हम यह नहीं कह सकते कि यह हलाल है या हराम, लेकिन हम कहते हैं कि इसमें शामिल न होना बेहतर है.” उन्होंने समझाया कि यह मुद्दा जटिल है क्योंकि क्रिप्टो का विश्लेषण करने के कई तरीके हैं. इसकी सट्टा प्रकृति के बारे में चिंताएं हैं, क्योंकि इसकी कीमतों में रातोंरात काफी उतार-चढ़ाव आता है. जिससे लोग इसे निवेश के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ लोगों ने पैसा कमाया है, इसमें अन्य जोखिम शामिल हैं, यही वजह है कि इसे अभी अनुशंसित नहीं किया गया है.
बिटकॉइन समर्थक
क्रिप्टोकरेंसी के समर्थकों का तर्क है कि मुस्लिम दुनिया बिटकॉइन क्रांति से चूक रही है. वित्तीय जानकार, शरिया सलाहकार और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग विशेषज्ञ अरिश एहसान ने कहा कि दुनिया भर की सरकारें बिटकॉइन में तेजी से दिलचस्पी ले रही हैं. उन्होंने कहा कि बिटकॉइन के पक्ष में अगले सबसे प्रचारित तर्क ये है कि यह किसी भी सरकार के नियंत्रण से बाहर है, जो कि फिएट मुद्रा के बिल्कुल अलग है. उन्होंने कहा कि अगर इसका चलन बढ़ता रहता है, तो हर सरकार का इस पर अलग-अलग हद तक नियंत्रण होगा.बिटकॉइन के बारे में यह दावा करते हुए कि यह फिएट मनी से ज़्यादा हलाल है, जो तब बनता है जब नए लोन जारी किए जाते हैं और इसमें रीबा (ब्याज, जो इस्लाम में वर्जित है) शामिल होता है, उन्होंने कहा, “एक दोषपूर्ण बैंकिंग प्रणाली के कारण होने वाली समस्याएं किसी विशिष्ट मुद्रा से संबंधित नहीं हैं. ये समस्याएं पूरी अर्थव्यवस्था और सभी मुद्राओं को प्रभावित करती हैं जिनका आदान-प्रदान किया जा सकता है.”
UAE में क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति
कानूनी सलाहकार अ.ब्दुलरहमान अल नभान ने बताया कि UAE में क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में कानूनी स्थिति जटिल है. व्यक्तिगत उद्देश्यों के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल और खनन की परमिशन है, लेकिन सेंट्रल बैंक ने अभी तक वाणिज्यिक क्रिप्टो निवेशों को लीगल या प्रतिबंधित करने के लिए खास कानून नहीं बनाए हैं. हालांकि, विनियमन की कमी का मतलब यह नहीं है कि इसे पूरी तरह से अनुमति दी गई है, क्योंकि व्यवसायों को अभी भी व्यावसायिक रूप से काम करने के लिए संबंधित अधिकारियों से अनुमति की आवश्यकता होती है.