वर्क फ्रॉम होम नियमों की अनदेखी पर दिल्ली सरकार सख्त, कंपनियों को चेतावनी

दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए वर्क फ्रॉम होम (WFH) के निर्देशों का पालन न करने वाली कंपनियों पर अब सख्त कार्रवाई की तैयारी है। दिल्ली सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी दिशा-निर्देशों को हल्के में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिनमें कुछ कंपनियां सरकार के वर्क फ्रॉम होम के फैसले को नजरअंदाज कर रही हैं और कर्मचारियों को दफ्तर आने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

वर्क फ्रॉम होम नहीं मानने वालों पर कार्रवाई

सिरसा ने आगे कहा कि आज से व्यापक (Extensive) ड्राइव शुरू की जा रही है प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों की पहचान कर प्रदूषणकारी फैक्ट्रियों पर कार्रवाई की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो उनको सील भी किया जाएगा. OECM के लिए 31 तारीख तक आवेदन करने वाली इंडस्ट्री पर भी होगी कार्रवाई.सिरसा ने कहा कि जानकारी मिली है कि कुछ प्राइवेट कंपनियां वर्क फ्रॉम होम को मान नहीं रही है. उनको चेतावनी है कि अगर ऐसा कोई कर रहा है तो कार्रवाई होगी.दिल्ली में अवैध और अनधिकृत ग्रामीण इंडस्ट्री पर सख्ती, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर MCD की कार्रवाई जारी है. दिल्ली के अंदर रात में सड़कों की धुलाई और सफाई का काम तेज, हम रात में सफाई का काम करवा रहे हैं. कूड़े के पहाड़ खत्म करने के लिए बायो-माइनिंग जारी, कई लाख मेट्रिक टन कूड़ा और सिल्ट हटाने में हम कामयाब हुए हैं. दिल्ली को धूल-मुक्त करने के लिए विशेष अभियान चल रहा है.

पेट्रोल पंप पर ANPR कैमरे नहीं चल रहे

पर्यावरण मंत्री सिरसा ने कहा कि हम वॉटर बॉडी को रिवाइव कर रहे हैं. बंद पड़े 50% जल स्रोतों को इस साल रिवाइव और रिस्टोर करने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि कुछ पेट्रोल पंप पर ANPR कैमरे नहीं चल रहे हैं. लोग एक्सपायर PUCC सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा कर फ्यूल लेने पहुंच रहे हैं.मंत्री ने बताया कि सरकार को अब तक विभिन्न माध्यमों से यह जानकारी मिली है कि निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियां प्रदूषण आपातकाल के दौरान भी अपने कार्यालय पूरी क्षमता के साथ चला रही हैं। यह न सिर्फ सरकारी आदेशों का उल्लंघन है, बल्कि राजधानी के प्रदूषण स्तर को और गंभीर बनाने वाला कदम भी है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य लोगों को राहत देना और वाहनों की संख्या कम कर प्रदूषण पर नियंत्रण पाना है, ऐसे में कंपनियों का सहयोग बेहद जरूरी है।इसके साथ ही दिल्ली सरकार प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट (PUC) के बिना वाहनों को फ्यूल न देने के फैसले को भी प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक प्रभावी कदम मान रही है। सरकार का कहना है कि इस फैसले से सड़कों पर चलने वाले अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर लगाम लगेगी। मंत्री ने कहा कि यदि नियमों का सख्ती से पालन किया गया तो आने वाले समय में वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिलेगा।

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