दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए लेखा विभाग के प्रमुख पदों का उन्नयन और विलय कर दिया है। यह निर्णय भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग के नियंत्रक महालेखाकार (CGA) और गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुरूप लिया गया है। सरकार का मानना है कि यह सुधार न सिर्फ विभागीय कार्यप्रणाली को अधिक प्रभावी बनाएगा, बल्कि अधिकारियों की जिम्मेदारियों और अधिकार क्षेत्र को भी स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगा।
नए प्रशासनिक सुधार के तहत लेखा विभाग में लेखा अधिकारी (Accounts Officer) के पद को तत्काल प्रभाव से वरिष्ठ लेखा अधिकारी (Senior Accounts Officer) के ग्रेड में अपग्रेड और विलय कर दिया गया है। पहले लेखा अधिकारी समूह ‘बी’ राजपत्रित पद पर कार्यरत थे और उनका पे मैट्रिक्स लेवल-9 था। लेकिन अब इस पद को समूह ‘ए’ राजपत्रित के रूप में पे लेवल-10 में शामिल कर दिया गया है। इसके साथ ही लेखा विभाग के सभी मौजूदा लेखा अधिकारी पद अब वरिष्ठ लेखा अधिकारी के रूप में पुनः पदनामित होंगे। इसका अर्थ यह है कि लेखा विभाग में अब लेखा अधिकारी का अलग से कोई पद नहीं रहेगा और पूरा ढांचा उच्च स्तर पर समेकित हो जाएगा।सरकार का यह निर्णय प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और लेखा विभाग की कार्यप्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल विभागीय प्रक्रियाओं में तेजी आएगी, बल्कि लेखा अधिकारियों की जिम्मेदारियों में भी व्यापक वृद्धि होगी। पे लेवल-10 में अपग्रेड होने से अधिकारियों को न सिर्फ अधिक वेतनमान मिलेगा, बल्कि प्रशासनिक जिम्मेदारियां और निर्णय क्षमता भी बढ़ेगी। इससे विभाग की पारदर्शिता, जवाबदेही और कामकाज की गुणवत्ता पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली सरकार का यह कदम लंबे समय से लंबित प्रशासनिक सुधारों को गति देने वाला है। लेखा विभाग किसी भी सरकार की वित्तीय रीढ़ माना जाता है, ऐसे में उसके ढांचे को अधिक मजबूत और सक्षम बनाना समय की मांग था। इस सुधार से विभाग में प्रमोशन मार्ग अधिक स्पष्ट होगा, अधिकारियों में मनोबल बढ़ेगा और वित्तीय लेखांकन एवं ऑडिट प्रक्रियाएं भी अधिक सुव्यवस्थित होंगी।सरकार का दावा है कि यह निर्णय भविष्य में विभागीय कामकाज में बड़ा सुधार लाएगा और दिल्ली प्रशासन की वित्तीय स्थिति को अधिक पारदर्शी और मजबूत बनाने में मदद करेगा। रेखा गुप्ता सरकार के अनुसार यह कदम सुशासन और आधुनिक प्रशासनिक ढांचे की दिशा में महत्वपूर्ण सुधार है, जो दिल्ली के वित्तीय प्रबंधन को नई दिशा देगा।

















