दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाना हर भारतीय की महत्वाकांक्षा है. उन्होंने कहा कि हरेक राज्य इस लक्ष्य को हासिल करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी का कहना था कि राज्यों की भूमिका इसलिए अहम है कि वे लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं. राज्यों की जनता का हित राज्य सरकारों का सरोकार का हिस्सा है. केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार को हर संभव मदद दी जाती है और राज्य सरकार उसे जनता तक पहुंचाती हैं.
नीति आयोग की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की गई एक पोस्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विकसित भारत में खुशहाल जनता के लिए बड़ी लकीर खींची है और इसे साकार बनाने में राज्यों की भूमिका को काफी अहम करार दिया है. राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित इस बैठक में अनेक राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री और नीति आयोग के सदस्य शामिल हुए.
केंद्र राज्य के बीच सहयोग बढ़ाने पर विमर्श
इस बैठक का मकसद केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जन कल्याण से जुड़ी सरकारी परियोजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने पर विचार विमर्श करना, सरकारी तंत्र को मजबूती प्रदान करना, साथ ही ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्र की आबादी के जीवन स्तर को बढ़ाना था.
गैर भाजपा राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बनाई दूरी
हालांकि इस बैठक का गैर-भाजपा शासित कई राज्य सरकारों ने बहिष्कार करने का फैसला किया, और इन राज्यों के मुख्यमंत्री इस बैठक में नहीं आए. तीन कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री मसलन कर्नाटक के सिद्धारमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने इस बैठक में आने से पहले ही इनकार कर दिया था. इनके अलावा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और पंजाब और दिल्ली की आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों ने भी बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस बैठक में नहीं आए लेकिन बिहार के दोनों डिप्टी सीएम ने बैठक में शिरकत की.
ममता बनर्जी ने लगाया माइक बंद करने का आरोप
नीति आयोग की बैठक को बीच में छोड़कर निकलीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने कहा कि उनको बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया गया. उनका माइक बंद कर दिया गया. इससे नाराज होकर उन्होंने बैठक बीच में ही छोड़कर निकल आईं. हालांकि बैठक में शामिल केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि ममता बनर्जी को बोलने का पूरा समय दिया गया. समय से पहले उनका माइक बंद नहीं किया गया था. उनका समय खत्म हो गया था