राजगढ़ (अलवर)। कस्बे के पटायरी डूंगरी पर स्थित सीताराम जी मंदिर सहित आसपास के मंदिरों में राधा अष्टमी और नंदोत्सव पर्व परंपरागत हर्षोल्लास और भक्ति भाव से मनाया गया। सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। भक्तों ने विधिविधान से पूजा अर्चना कर भगवान के दर्शनों का लाभ लिया। सीताराम मंदिर को विशेष रूप से आकर्षक ढंग से सजाया गया, जहां भगवान का श्रृंगार कर आरती उतारी गई और विविध प्रकार के भोग अर्पित कर प्रसाद का वितरण किया गया।मंदिर के पुजारी और श्रद्धालु भक्त सुनील शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर भजन सत्संग का आयोजन किया गया। जयपुर कानोता से आए युगल किशोर व्यास और उनके साथियों ने संगीतमय प्रस्तुति दी। कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भजनों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। महिला और पुरुष श्रद्धालु भजनों पर नृत्य करते हुए झूम उठे और पर्व का भरपूर आनंद लिया। भक्ति रस में डूबे श्रद्धालु देर रात तक मंदिर परिसर में डटे रहे।
भजन संध्या के दौरान “राधे-राधे” और “नंद के आनंद भयो” जैसे जयकारों से वातावरण गूंज उठा। भजनों पर थिरकते कदम और भक्तों की उमंग ने पर्व की गरिमा को और बढ़ा दिया। इस मौके पर भक्तों ने मिलकर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया। पूरे कार्यक्रम में भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था।भक्ति, आस्था और उल्लास का यह संगम स्थानीय समाज को एकजुट करने वाला साबित हुआ। राधा अष्टमी और नंदोत्सव पर्व का आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्व रखता है बल्कि सामाजिक मेलजोल और पारस्परिक सौहार्द का भी प्रतीक है। दिनभर चली पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और प्रसाद वितरण ने वातावरण को दिव्यता और पवित्रता से भर दिया। श्रद्धालुओं ने इसे जीवन के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत बताया और आने वाले समय में इस परंपरा को और भव्य रूप देने का संकल्प लिया।

















