उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सामने पुलिस चौकी के निर्माण को लेकर विवाद ने तूल पकड़ लिया है। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि जिस जमीन पर पुलिस चौकी बनाई जा रही है, वह वक्फ की संपत्ति है और इसका रिकॉर्ड भी मौजूद है।
विवाद के मुख्य बिंदु:
- वक्फ की जमीन का दावा:
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वक्फनामा और अन्य दस्तावेजों की तस्वीरें साझा कीं, जिनमें इस जमीन को वक्फ की संपत्ति बताया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार इस जमीन पर अवैध निर्माण कर रही है। - कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन:
ओवैसी ने प्राचीन स्मारक अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण कार्य प्रतिबंधित है। - सरकार का रुख:
पुलिस प्रशासन का कहना है कि क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस चौकी का निर्माण जरूरी है। जामा मस्जिद के गेट पर लंबे समय से पुलिस बल तैनात था, और अब चौकी बनने से सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी। - भूमि पूजन:
28 दिसंबर को पुलिस चौकी के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। पुलिस प्रशासन ने कहा कि इस इलाके में पुलिसकर्मियों की आवासीय व्यवस्था भी की जाएगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
- असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए माहौल खराब करने का आरोप लगाया है।
- स्थानीय प्रशासन ने वक्फ के दावे को लेकर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन निर्माण कार्य जारी है।
संभावित प्रभाव:
यह मामला धार्मिक और कानूनी विवाद का केंद्र बन सकता है। वक्फ की जमीन पर सरकारी निर्माण को लेकर पहले भी कई बार विवाद उठ चुके हैं। अगर इस मामले का हल समय पर नहीं निकला, तो इससे क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है।
समाधान की जरूरत:
- इस विवाद को सुलझाने के लिए जमीन के स्वामित्व की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
- सभी पक्षों को शांति बनाए रखते हुए बातचीत के जरिए समाधान निकालना चाहिए।