शामली अधिशासी अधिकारी की कड़ी पैरवी के चलते नगर पंचायत के पक्ष में हुआ फैसला

शामली जिले के थानाभवन क्षेत्र में दिल्ली-सहारनपुर हाईवे पर चरथावल तिराहे पर स्थित करोड़ों की सरकारी बेशकीमती भूमि वर्षों से विवाद का केंद्र बनी हुई है। लगभग 40 साल पहले इस भूमि का पट्टा कस्बे के निवासी ब्रजभूषण शर्मा के नाम आवंटित किया गया था, जिसके आधार पर वह इस भूमि पर अपना अधिकार जता रहे थे। इस भूमि को लेकर विभिन्न राजनीतिक रसूखदारों के द्वारा खरीद-फरोख्त की चर्चाएं भी आम रही हैं।

सूत्रों के अनुसार, यह मामला लंबे समय से ब्रजभूषण शर्मा और नगर पंचायत के बीच हाईकोर्ट में चल रहा था। मौजूदा नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए कड़ी पैरवी की और अंततः फैसला नगर पंचायत के पक्ष में आया। फैसले के बाद नगर पंचायत की टीम जब उक्त भूमि की चारदीवारी करने पहुंची, तो कुछ लोगों ने इसका विरोध किया।

इस पर थानाभवन थाना प्रभारी निरीक्षक वीरेंद्र कसाना पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को शांत कराया। विरोध बढ़ता देख अधिशासी अधिकारी ने टीम को वापस बुला लिया। अधिशासी अधिकारी जितेंद्र राणा ने बताया कि यह भूमि नगर पंचायत की है और कब्जा भी नगर पंचायत का ही रहेगा। कुछ लोग गलत तथ्यों के आधार पर इस भूमि पर दावा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मौके पर मौजूद रहकर भूमि की चारदीवारी का कार्य पूरा कराकर उसे सुरक्षित कराएंगे।

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