बांग्लादेश में आए भूकंप ने अचानक लोगों को दहशत में डाल दिया। स्थानीय समयानुसार लगभग 10 बजकर 10 मिनट पर धरती जोर से हिली, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.7 मापी गई। भूकंप का केंद्र बांग्लादेश के भीतर बताया जा रहा है, जहां सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिला। इस प्राकृतिक आपदा में अब तक कम से कम तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं और प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
भूकंप के झटके सिर्फ बांग्लादेश तक सीमित नहीं रहे, बल्कि भारत के पूर्वी हिस्सों में भी स्पष्ट रूप से महसूस किए गए। पश्चिम बंगाल के कई जिलों—विशेष रूप से कोलकाता, नदिया, मुर्शिदाबाद, अलीपुरद्वार और उत्तरी बंगाल के कुछ हिस्सों—में लोगों ने तेज कंपन अनुभव किया। कई इलाकों में लोग घबराकर घरों और इमारतों से बाहर निकल आए। हालांकि भारत में किसी बड़े नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन एहतियातन कई सरकारी इमारतों, स्कूलों और ऑफिसों ने कर्मचारियों और विद्यार्थियों को कुछ समय के लिए खुले स्थानों पर रुकने का निर्देश दिया।
बांग्लादेश के प्रभावित इलाकों में सबसे अधिक क्षति पुराने और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में दर्ज की गई है। कई पुराने मकानों में दरारें आ गईं और कुछ जगहों पर दीवारें गिरने से लोग मलबे के नीचे दब गए। मरने वाले तीनों लोगों की मौत भवनों के क्षतिग्रस्त हिस्से गिरने से हुई है। स्थानीय आपदा प्रबंधन टीम और फायर सर्विस विभाग तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू किए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय माना जाता है, इसलिए समय-समय पर मध्यम से तेज झटके महसूस होते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि 5.7 की तीव्रता वाला भूकंप भले ही बहुत विनाशकारी स्तर का न माना जाए, लेकिन घनी आबादी वाले क्षेत्रों और पुराने निर्माण वाली बस्तियों में इसका प्रभाव अधिक हो सकता है। इस कारण बांग्लादेश के कई शहरों में झटकों की तीव्रता ज्यादा महसूस की गई।
भारत में भूकंप के कंपन महसूस होने के बाद कोलकाता और आसपास के क्षेत्रों में मेट्रो और हाई-राइज बिल्डिंग्स में कुछ देर के लिए अलर्ट जारी किया गया। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर कंपन का अनुभव साझा किया और प्रशासन ने लोगों से शांत रहने तथा अफवाहों से बचने की अपील की। भूकंप के तुरंत बाद कई जगहों पर मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट में हल्की बाधा भी देखी गई, हालांकि कुछ समय बाद स्थिति सामान्य हो गई।
आपदा प्रबंधन विभाग ने बांग्लादेश और भारतीय सीमा क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुख्य भूकंप के बाद हल्के आफ्टरशॉक्स आने की संभावना रहती है, इसलिए लोगों को सतर्क रहना चाहिए। वहीं बांग्लादेश में सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की है और पुनर्वास कार्य तेज कर दिया गया है।
भूकंप की इस घटना ने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि प्राकृतिक आपदाएँ कभी भी बिना चेतावनी के आ सकती हैं और इसके लिए संरचनात्मक मजबूती व जनजागरूकता बेहद जरूरी है। दोनों देशों के आपदा प्रबंधन विभाग लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं ताकि किसी भी संभावित खतरे से समय पर निपटा जा सके।

















