बिजली बचाने के लिए हम अक्सर लाइट, पंखे, एसी जैसे उपकरणों को बंद करने पर ध्यान देते हैं, लेकिन कुछ छोटी-छोटी आदतें भी होती हैं जो बिजली के बिल को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकती हैं। उनमें से एक सामान्य गलती है चार्जर को प्लग में लगाकर छोड़ देना।अगर चार्जर को लगातार स्विच ऑन करके छोड़ दिया जाता है, तो इससे थोड़ी-थोड़ी बिजली खपत होती रहती है, जिसे “वैंपायर पावर” या “फैंटम लोड” कहते हैं। इसका मतलब यह है कि, भले ही आपका फोन चार्ज न हो रहा हो, चार्जर से बिजली की खपत होती रहती है, जिससे आपका बिजली बिल थोड़ा बढ़ सकता है। इसे रोकने के लिए चार्जर का उपयोग खत्म होते ही उसे बोर्ड से निकाल दें।
भारी चार्ज से बढ़ेगा बिजली बिल
आज के समय में जितना जरूरी स्मार्टफोन हो चुका है उतना ही जरूरी उसका चार्जर भी हो चुका है। फास्ट चार्जिंग सपोर्ट वाले चार्जर सभी की पहली मांग बन चुके हैं। हालांकि, मिनटों में फोन चार्ज करने वाला फास्ट चार्जिंग सपोर्ट चार्जर बिजली की खपत भी सबसे ज्यादा करता है। वहीं, अगर प्लगइन के साथ चार्जर को आप स्विच ऑन छोड़ देते हैं तो आपके बिना इस्तेमाल के भी बिजली की खपत अच्छी खासी हो रही होती है।इन छोटी-छोटी आदतों को अपनाकर आप बिजली की खपत को और भी कम कर सकते हैं और अपने बिल में अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं।स्विच ऑन के साथ चार्जर लगने पर भी बिजली खपत ज्यादा होती है। भले ही आपका फोन चार्ज हो रहा हो या नहीं। अगर चार्जर इलेक्ट्रिक बोर्ड पर लगा हुआ है और बटन ऑन है तो बिजली की खपत हो रही होती है। इस तरह के प्रोसेस को फैंटम पावर और आइडल लोड भी कहा जाता है। बिना फोन के चार्जर होने पर भी अगर चार्जर लगा हुआ है तो 0.1 से 0.4 तक यूनिट बिजली की खपत हो सकती है। ऐसा सिर्फ चार्ज के साथ नहीं है, अगर कोई और भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस स्विच ऑन के साथ कनेक्टेड है लेकिन यूज में नहीं है फिर भी बिजली की खपत होती है।