आर्थिक स्थिरता या जोखिम…? बांग्लादेश सरकार के फैसले पर उठे सवाल।

भारत-बांग्लादेश के रिश्ते लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा पर लगाम लगाने को लेकर भारत सरकार की तरफ से कई बार कहा गया. लेकिन बांग्लादेश अपनी हरकतों से बाज नहीं आया. यही कारण है कि बांग्लादेश आर्थिक संकट से गुजर रहा है. बांग्लादेश को अपनी स्थिति को सुधारने के लिए 43 वस्तुओं पर वैट बढ़ाना पड़ा है.बांग्लादेश के हालात किसी से छिपे नही है. यहां अर्थव्यवस्था में थोड़ी जान फूंकने के लिए आवश्यक वस्तुओं पर अतिरिक्त वैट वसूला जाएगा. इनमें दवाएं, दूध पाउडर, बिस्कुट, जूस, फल, साबुन, मिठाई, मोबाइल फोन कॉल, इंटरनेट का उपयोग, होटल और रेस्तरां में भोजन, हवाई टिकट, सिगरेट और तंबाकू शामिल हैं.एनबीआर के एक अधिकारी ने बताया कि यह कदम IMF की तरफ से निर्धारित शर्तों को पूरा करने के लिए उठाया जा रहा है. इसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष के लिए अतिरिक्त 12,000 करोड़ रेवेन्यू जनरेट किया जाएगा.

टर्नओवर टैक्स लगाने पर विचार

सरकार की तरफ से व्यापारिक प्रतिष्ठानों के सालाना टर्नओवर के आधार पर टर्नओवर टैक्स लगाने का भी विचार है. मौजूदा समय में टर्नओवर टैक्स केवल तभी चुकाया जाता है, जब सालाना टर्नओवर 5 मिलियन टका से 30 मिलियन टका के बीच हो. प्रस्ताव में उन बिजनेस पर भी टर्नओवर टैक्स लगाया गया है. जिनका टर्नओवर 3 मिलियन टका से 5 मिलियन टका है.यदि सालाना टर्नओवर 5 मिलियन टका से ज्यादा है, तो उस कंपनी की तरफ से बनाई जाने वाली सभी वस्तुओं की बिक्री पर 15 प्रतिशत वैट लगाया जाएगा.

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